झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश (कक्ष संख्या दो) ने दोहरे हत्याकांड का दोष सिद्ध होने पर आरोपी तांत्रिक एवं उसके साथी को आजीवन कारावास समेत जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी तांत्रिक ने दो युवकों को पैसा दोगुना करने का लालच देकर बुलाया था। उसके बाद उनकी हत्या कर दी और उनके 50 हजार रुपये लूटकर फरार हो गया। करीब चार साल चले ट्रायल के बाद न्यायालय ने दोनों पर लगे आरोपों को सही पाते हुए यह सजा सुनाई है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र पांचाल के अनुसार जनपद के थाना एरच के भस्नेह निवासी मोहन लाल के छोटे पुत्र माधव एवं उसका दोस्त राहुल की 17 अप्रैल 2017 को गला काटकर हत्या कर दी गई थी। माधव भस्नेह में ही आढ़त चलाता था। दोनों का शव पठा रोड के जंगल में चार पहिया वाहन के पास पड़ा मिला। युवकों के शव के पास हवन वेदी बनी थी। वहां पूजन समाग्री के तौर पर नारियल, हवन समाग्री, नींबू, सिंदूर, सरसों, राई एवं बूंदी के लड्डू समेत अन्य वस्तुएं बिखरी पड़ी थीं। पिता मोहनलाल ने तांत्रिक क्रिया कर्म के चलते दोनों की हत्या किए जाने का आरोप लगाया था।
परिजनों से पूछताछ के बाद पुलिस ने माधव की आढ़त पर आने-वाले कमल उर्फ मामा पुत्र करंजू महाराज निवासी घुरारा टीकमगढ़ एवं किशोरीलाल पुत्र बलगुट्टे कुशवाहा निवासी पठा को गिरफ्तार कर लिया। कमल खुद को तांत्रिक बताता था। अकसर वह गांव में तंत्र क्रियाएं करता था। इसी दौरान उसकी माधव एवं राहुल से जान-पहचान हो गई। वह उसकी आढ़त पर आने लगा। माधव को उसने तंत्र विद्या के सहारे रकम दोगुना करने का झांसा दिया। उसकी बातों में माधव एवं राहुल फंस गए।

कमल ने 16 अप्रैल की रात से पठा के जंगलों में बुलाया। तंत्र कर्म के लिए 50 हजार रुपये भी लेकर आने को कहा। अपने भाई के शादी का कार्ड बांटने के बहाने माधव अपनी कार में राहुल के साथ वह बताई हुई जगह पहुंच गया। माधव ने अपनी मां से 50 हजार रुपये भी लिए थे। यहां कमल के साथ किशोरी लाल पहले से मौजूद था। इन दोनों ने बहाने से दोनों युवकों की हत्या कर दी। वहां से पचास हजार रुपये लेकर फरार हो गए।

पुलिस ने दोनों के खिलाफ 11 जुलाई 2017 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। आरोपियों ने खुद को गरीब एवं बेसहारा बताते हुए छोड़ने की अपील की। कोर्ट ने दोनों पर लगाई गई आईपीसी की धाराओं को सही पाया। अपने आदेश में कोर्ट ने कमल उर्फ मामा एवं किशोरी लाल को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास समेत 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।