झांसी। राष्ट्रीय सेवा योजना बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर झाँसी एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों ने 12 जनवरी से 18 जनवरी तक स्वामी विवेकानन्द की जयंती को युवा सप्ताह के रूप में आयोजित किया जिसमें स्वामी विवेकानन्द के जीवन को जीने वाले मनीषियों से स्वयं सेवकों को रूबरू कराया गया।

समापन अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अथिति उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि आज जरुरत इस बात की है कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता को पुनः स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और सभ्यता बहुत ही समृद्ध है आवश्यकता इस बात कि है कि हम उसे पहचान सकें और लोगों तक पहुंचा सके। उन्होंने इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए आयोजकों को बधाई दी और कहा कि इस प्रकार कार्यक्रम निश्चय ही स्वयंसेवकों को भारतीय दर्शन और चिंतन से परिचित करवाने में सहायक होंगे।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारत अध्ययन केन्द्र काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. राकेश उपाध्याय ने कहा कि भारत की भूमि त्याग और तपस्या की भूमि रही हैं। उन्होंने बताया कि एक नरेन्द्र ने जिस प्रकार से देश की संस्कृति, सभ्यता और धर्म से दुनिया को परिचित कराया था वैसे ही आज भी भारत दुनिया के समाने एक ताकतवर राष्ट्र के रूप में खड़ा हो रहा है। आज दुनिया भारत की ओर निगाहें लगाई हुई है कि यहाँ पर क्या नवाचार हो रहे हैं. किस प्रकार से यह देश प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने कहा कि आज यह विशेष अवसर है जिसमें हमें ऐसे विद्वानों को सुनने का अवसर का मिल रहा है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम निश्चय ही स्वयंसेवकों, कार्यक्रम अधिकारियों एवं जिन्होंने ने इसे सुना होगा, उन्हें भारतीयता, भारतीय संस्कृति, भारतीय धर्म और सबसे बढ़कर मनुष्यता के बारे में भारतीय दर्शन और विचार प्राप्त हो सके होंगे।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सेवा योजना बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की श्रृंखला में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बौद्धिक शिक्षण प्रमुख पूर्वी क्षेत्र उत्तर प्रदेश मिथिलेश नारायण, राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अशोक कुमार श्रोती, राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य संपर्क अधिकारी डॉ. अंशुमाली शर्मा, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी के पूर्व कुलसचिव नारायण प्रसाद, जे. के. शिवहरे, प्रो. संजीव शर्मा, अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री संजय श्रीहर्ष, गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष, इग्नू विश्वविद्यालय के आचार्य प्रो. अरविन्द कुमार झा ने स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मुन्ना तिवारी, वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. श्वेता पाण्डेय, सभी जनपदों के राष्ट्रीय सेवा योजना के नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े सभी कार्यक्रम अधिकारियों एवं स्वयंसेवकों का अहम् योगदान रहा है।