झांसी। चर्चित कारोबारी कमलेश यादव की गोली मारकर हत्या प्रकरण पुलिस सुलझा नहीं पाई की पुलिस को चोरों ने चुनौती देते हुए उसके बंगले में हाथ साफ कर दिए। चोरों ने कमलेश के सूने मकान में पीछे से सेंध लगाकर चोरी की घटना को अंजाम दिया है।
दरअसल, 14 जनवरी को कमलेश यादव की हत्या के बाद 5 फरवरी को बंगले में ताले लगा कर दुःखी परिवार पैतृक गांव गया था। मौका मिलने पर चारों ने बंगले में सेंध लगा दी। जानकारी लगने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई, किन्तु यह पता नहीं लगा कि चोरों ने बंगले से क्या माल उड़ाया है। कमलेश यादव की पत्नी के आने के बाद ही पता लगेगा कि चोर क्या-क्या चुराकर ले गए।
गौरतलब है कि एमपी के दतिया जिले के कमरोली गांव निवासी कमलेश यादव (31) पुत्र शोभाराम यादव झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र के सिजवाहा गांव में करौंदी माता के मंदिर के पीछे आलीशान बंगले में परिवार के साथ रहता था। हत्या के बाद पत्नी, दो बच्चे व अन्य परिजन रह रहे थे। 5 फरवरी को परिवार के सभी सदस्य पैतृक गांव कमरोली गए थे। पीछे से चोर वारदात को अंजाम दे गए। चोर कमलेश के मकान में पीछे के रास्ते से घुसे। कमरों और अलमारियों के ताले तोड़कर वे वारदात को अंजाम दे गए। मंगलवार दोपहर को कमलेश का भाई राजेश यादव घर पहुंचे तो मैन गेट का ताला लगा था। जब वे ताला खोलकर अंदर गए तो कमरों के ताले टूटे हुए थे और अंदर सामान बिखरा पड़ा था। बदमाश सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ गए। सूचना मिलने पर एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी समेत अन्य अफसरों ने मौका मुआयना किया। मौके पर डॉग स्क्वायड और एफएसएल टीम को बुलाया गया था। कमलेश की पत्नी अभी नहीं आ पाई। उसके आने के बाद पता चलेगा कि क्या माल चोरी हुआ है। राजेश की तहरीर पर केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है। युवा कारोबारी कमलेश यादव की हत्या का पुलिस 25 दिन बाद भी खुलासा नहीं कर पाई है और अब चोरी पुलिस के लिए मुसीबत बन गई है।













