– रेलवे के संपर्क में आए देखभाल और सुरक्षा के जरूरतमंद 1045 बच्‍चों को जनवरी के दौरान मुक्त कराया गया

– महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर ‘‘मेरी सहेली” की टीमें तैनात

प्रयागराज। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) पर रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र, यात्रियों तथा उनसे संबंधित मामलों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी का दायित्व सौंपा गया है। आरपीएफ के जवान रेलवे तथा रेल यात्रियों की सुरक्षा के प्रयोजन के लिए असाधारण सेवा प्रदान करते रहे हैं। वे देखभाल और सुरक्षा की जरुरतमंद महिलाओं तथा बच्चों की देखभाल तथा उनकी सुरक्षा से संबंधित आवश्यक मामलों में भी सहायता उपलब्ध कराते हैं। बल के जवानों की विभिन्न गतिविधियों, जिनका निष्पादन वे अपने निर्धारित दायित्वों से आगे बढ़ कर करते हैं, में उन्हें प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए जनवरी 2022 से विभिन्न नामों के तहत कई प्रचालन आरंभ करने का निर्णय लिया गया है।
आरपीएफ अपनी जान की बाजी लगा कर अपने निर्धारित दायित्व से आगे बढ़ कर विभिन्न रेलवे स्टेशनों तथा रेलवे क्षेत्र में दिन रात चल रही रेलगाड़ियों के पहियों के नीचे आने का खतरा उठा कर भी लोगों के प्राण बचाते हैं। अब इस कार्यकलाप को ‘‘मिशन जीवन रक्षा” ‘के तहत मिशन मोड में आरंभ किया गया है। आरपीएफ के जवानों ने जनवरी 2022 के दौरान इस मिशन के तहत 42 लोगों, 20 पुरुषों तथा 22 महिलाओं की जानें बचाईं।
आरपीएफ ने देखभाल और सुरक्षा के जरुरतमंद बच्चों को, जो विभिन्न कारणों से अपने घरों से भाग गए या खो गए / अपने परिवार से अलग हो गए, को फिर से एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अगर समय पर उन्हें बचाया नहीं गया तो उनका शोषण किए जाने या उनकी तस्करी किए जाने का खतरा रहता है। बल के जवानों को इस नेक ध्येय के प्रति प्रेरित किया गया तथा ‘ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते’ के कोड नाम के तहत एक अखिल भारतीय कार्यक्रम आरंभ किया गया। देखभाल और सुरक्षा के जरुरतमंद 1045 बच्चे (701 बच्चे तथा 344 लड़कियों), जो भारतीय रेल के संपर्क में आए, जनवरी 2022 के दौरान एनजीओ के समन्वयन के साथ अनुवर्ती कार्रवाई में मुक्त कराये गए। वर्तमान में पूरे भारतीय रेल के 132 रेलवे स्टेशनों पर चाइल्ड हेल्प डेस्क क्रियाशील हैं।
महिला यात्रियों को बेहतर सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए कोड नाम ‘महिला सुरक्षा’ के तहत कई नई पहल आरंभ की गई। जनवरी, 2022 के दौरान महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ ने प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर ‘‘मेरी सहेली” टीमें तैनात की हैं जिससे कि अकेली यात्रा करने वाली तथा अपराध के प्रति संवेदनशील महिला यात्रियों को सुरक्षा उपलब्ध कराई जा सके। इस उद्देश्‍य के लिए पूरे देश भर में लगभग 13000 रेलगाड़ियों को कवर किया गया है। रोकथाम संबंधी अन्य उपायों में आरपीएफ ने उत्पीड़त तथा छेडछाड़ के मामलों में 05 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया तथा महिला डिब्बे में यात्रा कर रहे 2185 व्यक्तियों को बंदी बनाया।
आरपीएफ के जवान, विशेष रूप से महिला आरपीएफ जवान जो वर्तमान में कुल संख्या की लगभग 9 प्रतिशत हैं, ‘‘ऑपरेशन मातृशक्ति” के तहत शिशु जन्म में आगे बढ़कर गर्भवती महिलाओं की सहायता करती हैं जो रेल यात्रा के दौरान प्रसव पीड़ा से गुजरती हैं। जनवरी 2022 के दौरान महिला आरपीएफ जवानों ने ऐसी सात महिलाओं की सहायता की और वे उनके बच्चों को इस सुंदर संसार में ला पाने में सहायक सिद्ध हुईं।
हालांकि पुलिसिंग भारतीय संविधान की 7वीं अनुसूची के तहत राज्य का विषय है, आरपीएफ ‘ऑपरेशन यात्री सुरक्षा” के तहत यात्री अपराध का मुकाबला करने के क्षेत्र में राज्य पुलिस के प्रयासों का पूरक है। जनवरी, 2022 के दौरान आरपीएफ ने यात्रियों के खिलाफ अपराध के 254 मामलों में संलिप्त 300 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया तथा उन्हें संबंधित जीआरपी/स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया। इसी ऑपरेशन ‘‘यात्री सुरक्षा” के तहत आरपीएफ यात्रियों की सुरक्षा संबंधित या अन्य शिकायतों को प्राप्त करने तथा उनका समाधान करने के लिए 24 घंटे कॉल (टोल फ्री 139 तथा अन्य सोशल मीडिया फोरम अर्थात ट्वीटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि) पर उपलब्ध है। जनवरी 2022 के दौरान, टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 139 (24 X 7) और सुरक्षा से संबंधित ट्विटर पर संकटग्रस्त यात्रियों से प्राप्त 11230 से अधिक कॉल/शिकायतों पर तुरंत ध्यान दिया गया और उनका समाधान किया गया।
रेलवे के माध्यम से मानव तस्करी के खतरे को रोकने के लिए, आरपीएफ 24 घंटे अन्य हितधारकों के समन्वयन के साथ काम करता रहा है। ऑपरेशन ‘‘आहट” के कोड नाम के तहत कार्रवाई करते हुए, आरपीएफ ने जनवरी 2022 में 08 तस्करों की गिरफ्तारी के साथ 35 व्यक्तियों (22 अवयस्कों) को मुक्त कराया है तथा उन्हें पुलिस के सुपुर्द किया है।
कई बार, यात्री रेलगाड़ी पर चढ़ने या स्टेशन छोडने की जल्दी में अपने सामान को छोड़ देते हैं। आरपीएफ के जवान अभिभावक के रूप में कार्य करते हैं तथा ‘‘ऑपरेशन अमानत” के तहत उनके सही मालिकों तक उन्हें पहुंचाने के उद्देश्‍य से इन सामानों की सुरक्षा करने में सहायता करते हैं। जनवरी 2022 के दौरान आरपीएफ के जवानों ने इस ऑपरेशन के तहत 1552 यात्री को 2.8 करोड़ रुपये से अधिक के उनके सामान लौटाने में सहायता की।
नशीले पदार्थ न केवल युवाओं के स्वास्थ्य को नष्ट करते हैं, बल्कि वे अर्थव्यवस्था तथा राष्ट्र के कल्याण को भी नुकसान पहुंचाते हैं। आरपीएफ को 2019 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत तलाशी लेने, जब्त करने तथा गिरफ्तार करने का अधिकार प्रदान किया गया है। रेल के माध्यम से नशीले पदार्थ की तस्करी के विरुद्ध अभियान चलाने पर पूरा ध्यान देने के लिए, आरपीएफ ने ‘‘ऑपरेशन नारकोस” आरंभ किया है। इस अभियान के तहत आरपीएफ ने जनवरी 2022 के दौरान 87 व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ 4.57 करोड़ रुपये के बराबर नशीले उत्पादों को जब्त किया है।
रेलगाड़ियों के जरिये माल ढुलाई, कर चोरी करने वालों तथा कानून तोड़ने वालों के लिए एक प्रमुख माध्यम बन गया है। आरपीएफ ने तंबाकू उत्पादों, बेहिसाबी नकदी, अवैध शराब, बेनामी बेशकीमती रत्नों, तस्करी की गई वस्तुओं आदि को अवैध रूप से लाने ले जाने के विरुद्ध ‘‘ऑपरेशन सतर्क” नामक अलग से एक अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत 119 व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ 19 लाख रुपये के बराबर अवैध तंबाकू उत्पाद, 19 करोड़ रुपये के बराबर की अवैध शराब, 4.90 करोड़ रुपये के बराबर का बेनामी सोना, 11 लाख रुपये के बराबर की बेहिसाबी चांदी, 2.18 लाख रुपये के बराबर के अन्य तस्करी किए गए सामान तथा 2.50 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी जब्त की गई। पकड़े गए व्यक्तियों के साथ जब्त बेहिसाबी/अवैध खेपों को संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसी के सुपुर्द कर दिया गया है।
वन्यजीवों, पशुओं के अंगों तथा वन उत्पादों की तस्करी प्रकृति के विरुद्ध अपराध है। आरपीएफ इस मुद्दे के प्रति सचेत रहा है और उसने रेलवे के जरिये वन्य जीवों के अवैध व्यापार में संलिप्त तस्करों के विरुद्ध ‘‘ऑपरेशन वाइलेप” के तहत सख्त कदम उठाये हैं। जनवरी, 2022 के दौरान, आरपीएफ ने 2 व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ 11 मामलों का पता लगाया तथा दुर्लभ कछुए, जंगली पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों, लुप्तप्राय गिद्ध आदि बरामद किए तथा उन्हें वन विभाग को सौंप दिया।
आरपीएफ रेल पर प्रहरी के रूप में कार्य करता है तथा ऑपरेशन ‘‘रेल प्रहरी” के तहत अभियान के संबंधित क्षेत्र से रिपोर्ट किए गए गंभीर मामलों का पता लगाने में राज्य पुलिस/कानून प्रवर्तन एजंन्सियों (एलईए) की सहायता करता है। जनवरी 2022 के दौरान, आरपीएफ ने हत्या, दुष्कर्म, डकैती/लूटपाट, अपहरण आदि जैसे गंभीर अपराध के 7 मामलों का पता लगाने में पुलिस/एलईए की सहायता की।
आरपीएफ ने ‘‘ऑपरेशन डिग्निटी” के तहत 80 वयस्क पुरुषों तथा 153 वयस्क महिलाओं को मुक्त कराया जो मुसीबत में थे तथा जिन्हें तात्कालिक देखभाल एवं सुरक्षा की आवश्यकता थी। उन्हें उनके संबंधित परिवारों/एनजीओ को सौंप दिया गया। ‘‘ऑपरेशन सेवा” के तहत, आरपीएफ ने 1000 से अधिक बुजुर्गों, बीमारों, दिव्यांग व्यक्तियों की उनकी यात्रा के दौरान विभिन्न कार्यकलापों जैसे दवा की व्यवस्था करना, शिशु आहार, व्हील चेयर, स्ट्रेचर के माध्यम से सहायता प्रदान की तथा दिव्यांग व्यक्तियों, बुजुर्गों को अपने कंधों पर बैठा कर उन्हें चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई।
आरपीएफ के जवान ‘‘वर्दी में नागरिक” होने की जिम्मेदारी को स्वीकार करते हैं तथा बल के  ‘‘यश लाभस्व” या ‘‘सम्मान अर्जित करें” के ध्येय को साकार करने के लिए राष्ट्र तथा उसके नागरिकों की सेवा में सत्यतापूर्वक सुरक्षा प्रदान करना, सहायता करना और सेवा करना जारी रखेंगे।