प्रयागराज/झांसी। झांसी के रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई कर दिया गया है। इसको लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका में याचिकाकर्ता का कहना था कि झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदले जाने से कई सारे पैसेंजर्स को भ्रम हो जा रहा है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने झांसी के रेलवे स्टेशन (Jhansi Railway Station) का नाम बदले जाने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि ‘रानी लक्ष्मीबाई ने देश के स्वाधीनता संग्राम में उच्च बलिदान किया था। वह ब्रिटिश शासन के खिलाफ खड़ी रही थीं। लोगों को उस जगह को उनके नाम से जानना चाहिए। कई सारे स्टेशनों का नाम ऐसे महापुरुषों के नाम पर रखा गया है, जो कि कम ज्ञात हैं। रानी लक्ष्मीबाई को तो उनकी वीरता की वजह से पूरा विश्व जानता है। इसलिए झांसी को वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम से ही जाना जाना चाहिए।

गौरतलब है कि रेल मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में झांसी स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई कर दिया गया था। इसको लेकर झांसी में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। राजनैतिक व गैरराजनीतिक, स्वयंसेवी, समाजसेवी संगठनों के लोगों द्वारा झांसी नाम जोड़ने की मांग की जा रही है। झांसी वासियों का कहना था कि झांसी से रानी को अलग नहीं किया जा सकता। सरकार ने रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर झांसी और रानी दोनों का अपमान किया है। बाद में क्षेत्रीय सांसद अनुराग शर्मा ने विवाद खत्म करने हेतु बयान दिया था कि शासन का इरादा झांसी नाम हटाने का नहीं था और ऐसा लिपिकीय त्रुटि के कारण हुआ। फिलहाल विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद यह मुद्दा गर्मा सकता है।