झांसी। रंजिशन हत्या का दोष सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय सं०-१ जयतेन्द्र कुमार की अदालत में तीन अभियुक्तों को आजीवन कठोर कारावास की सज़ा सुनाई गई।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर
के अनुसार कटरा निवासी ओम प्रकाश पुत्र कालीचरन ने थाना गुरसराय में २३ अगस्त २०१२ को तहरीर देकर बताया था कि उसके पिता कालीचरण फौज से रिटायर्ड सरकारी राशन विक्रेता थे ,शाम को दुकान बन्द करके मकान की बैठक में बैठे थे। उसी समय मुहल्ले के नाथूराम व नोरे उर्फ राम सिंह और बृजेश उर्फ भालू मां बहिन की गंदी गंदी गालियां देते हुए ईंटा, पत्थर
लेकर मकान के अंदर बैठक में घुस आये और एक राय होकर जान से मारने की नियत से तीनों ईंटा, पत्थर फेंक कर मारने लगे पिता लहूलुहान होकर गिर पड़े। वह , भाई रामप्रकाश और मां कमला के चीखने चिल्लाने पर कुछ लोग बचाने को दौड़े तो तीनों हमलावरों ने जान से मारने की धमकी देकर दहशत पैदा कर दी जिससे मुहल्ले के लोग दरवाजा बन्द कर अपने अपने घरों में घुस गये और हमलावर धमकाते हुए भाग गये। पिता की घर पर ही मृत्यु हो गयी। उसके पिता हमलावरों के खिलाफ गबाह थे जो कि पिता पर गवाही न देने का दबाव बना रहे थे।
लेकिन मेरे पिता गवाही दे रहे थे। इसी रंजिश से उन्होंने मिलकर पिता की हत्या कर दी। तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया।

विवेचना उपरांत पुलिस द्वारा‌ अभियुक्तों नाथूराम यादव, नौरे उर्फ राम सिंह एवं बृजेश उर्फ भालू के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया। न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर अभियुक्त नाथूराम यादव, नौरे उर्फ राम सिंह एवं बृजेश उर्फ भालू को अपराध धारा-३०२/ ३४ भा०द०सं० के आरोप में आजीवन सश्रम कारावास तथा २५-२५ हजार रूपये अर्थदण्ड , अर्थदण्ड अदा न करने पर प्रत्येक को एक-एक वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई गई।