– रवि ने सदर विधानसभा से 59 हजार से अधिक वोट से सीताराम को हरा हेटट्रिक मारी

— बबीना से राजीव 43882 तो गरौठा से जवाहर 31712 वोटों से जीत फिर बने सिकंदर

– मऊरानीपुर से अपना दल एस की रश्मि 57 हजार से जीतीं

झांसी। मोदी- योगी की डबल इंजन सरकार के साथ बुलडोजर बाबा का ऐसा जादू चला कि झांसी जिले की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा ने भगवा फहराया। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में पुनः मुख्यमंत्री बनने जा रहे योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी में झांसी वासियों ने एक बार पुनः महत्वपूर्ण योगदान देकर भाजपा की नीतियों पर आस्था व्यक्त की।
जिले की सबसे महत्वपूर्ण जीत झांसी सदर (महानगर) से दो बार के विधायक पं. रवि शर्मा के खाते में आई जिन्होंने समाजवादी पार्टी प्रत्याशी सीताराम कुशवाहा को 59 हजार से भी अधिक मतों से हरा कर हेट्रिक बना कर विरोधियों के मुंह पर ताले लगा दिए। सदर सीट पर सपा के सीताराम कुशवाहा को मुख्य मुकाबले में समझा जा रहा था लेकिन जब मतपेटियां खुलीं तो परिणाम कुछ और निकले। रवि शर्मा ऐतिहासिक रूप से 59000 से अधिक वोटों से जीत पाने में सफल रहे। रवि कै 147000 वोट मिले तो सीताराम कुशवाहा को 71348 मत मिल सके। यहां बसपा प्रत्याशी कैलाश साहू को 17798 तो कांग्रेस प्रत्याशी राहुल रिछारिया को मात्र 8797 वोट से ही संतोष करना पड़ा। पिछली बार रवि की जीत का अंतर 56000 था और मुकाबला भी इन्हीं सीताराम से था जो उस समय बहुजन समाज पार्टी में थे। 2022 में सीताराम चुनाव से ऐन पहले वे पाला बदल समाजवादी पार्टी में आ गये थे।
बबीना विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर भाजपा के ही राजीव सिंह पारीछा दूसरी बार जीतने में कामयाब हो गए। उनका कड़ा मुकाबला समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता चंद्रपाल सिंह यादव के बेटे यशपाल सिंह से था। राजीव 43882 वोटों से जीते हैं। राजीव को 117938 तो यशपाल को 73484 वोट मिले। बसपा के दशरथ राजपूत को 30424 वोट मिले। यहां मतदान से पूर्व कड़े मुकाबले की चर्चा थी।

गरौठा विधानसभा सीट में इस बार भाजपा प्रत्याशी जवाहर राजपूत को कमजोर समझा जा रहा था जिनका मुकाबला बाहुबलि सपा प्रत्याशी दीपनारायण सिंह से था। दीपनारायण की राजनीति इस बार दांव पर थी। वे 2017 में भी जवाहर से हार चुके हैं। इस बार जवाहर 31712 वोटों से जीते। उन्हें 114059 तो दीपक को 80047 वोट मिले। बसपा के वीर सिंह को 29244 वोट मिले।
मऊरानीपुर सीट पर भी भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल की प्रत्याशी रश्मि आर्या ने 57हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है। यहां भी उन्होंने मुख्य मुकाबले में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी तिलक अहिरवार को हराया। रश्मि को 135680 तो तिलक को 80450 वोट ही मिले। यहां कांग्रेस प्रत्याशी भगवान दास कोरी को 3206 तो बसपा प्रत्याशी रोहित रत्न को 31247 वोट मिले। रश्मि भी पिछली बार समाजवादी पार्टी से विधायक थीं लेकिन टिकट मिलता न देख भाजपा में चलीं आईं थीं। बाद में भाजपा ने गठबंधन में यह सीट सहयोगी अपना दल को दी तो वे अपना दल में चलीं आईं और पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी भी बनाया। रश्मि की जीत इस मायने में ऐतिहासिक रही क्योंकि एक तो तिलक ने दमदारी से चुनाव लडा और रश्मि को कमल के बजाय अपना दल के सिंबल पर लड़ना पड़ा, किंतु उनके चुनावी मैनेजमेंट ने विजय श्री उनकी झोली में डाल दी। कांग्रेस का प्रदर्शन तो चारों सीटों पर बेहद साधारण रहा जबकि अन्य पार्टियों के प्रत्याशी चारों सीटों पर कोई करिश्मा न दिखा सके।

रवि व राजीव में किसे मिलेगा मंत्री पद

मतदान के पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री की सभाओं/रोड शो ने चुनावी तस्वीर बदलकर रख दी। अमित शाह ने तो यह कहकर रवि शर्मा व राजीव को मंत्रिमंडल में लेने के संकेत दिए थे कि आप रवि व राजीव को जिताकर भेजो, हम उन्हें बड़ा बनाएंगे। केंद्रीय गृहमंत्री का जुमला काम कर गया लगता है।