मण्डलायुक्त के सख्त निर्देश-प्रत्येक लेखपाल / सम्पत्ति अधिकारी से प्रमाण पत्र लिया जाय कि उसके क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण नहीं 

– अवैध कब्जा न होने का सत्यापन तहसीलदार / उप जिलाधिकारियों से कराने के निर्देश

– मण्डलायुक्त ने 30 अप्रैल तक अवैध कब्जा मुक्त कराने हेतु सभी जिलाधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

झांसी। सरकारी जमीनों एवं काश्तकारों की भूमियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने हेतु मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय ने सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किये हैं। इस अभियान की खास बात यह कि सरकारी भूमियों पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ आई०पी०सी० की धारा 447 के साथ ही साथ The public premises ( Eviction of unauthorised occupants) Act 1971 के तहत भी कार्यवाही की जायेगी। अतिक्रमणी से सम्पत्ति की क्षति का ऑकलन कराकर भू-राजस्व की भाँति वसूली की जायेगी। जिलाधिकारी, झाँसी, जालौन एवं ललितपुर को एक प्रारूप निर्धारित करके प्रश्नगत जमीनों का सत्यापन कराकर समयबद्ध आख्या उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया है। मण्डलायुक्त द्वारा बनायी गयी कार्ययोजना का संक्षिप्त विवरण निम्नवत् है :

– प्रत्येक ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र मे मुनादी करा दी जाय कि अवैध कब्जाधारक प्रत्येक दशा में स्वेच्छा से अवैध कब्जे को 15 दिन के अन्दर छोड़ दें, अन्यथा ऐसे कब्जेधारकों को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध तत्काल संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु जिलाधिकारी, जालौन / झॉसी एवं ललितपुर को निर्देश निर्गत किये गये।

– प्रत्येक गाँव के लेखपाल / नगरीय क्षेत्र के सम्पत्ति अधिकारियों को निर्दिष्ट करने हेतु कहा गया कि वे अपने अपने क्षेत्र का विवरण नियत प्रारूप पर तैयार कर क्षेत्र के प्रत्येक सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा करें तथा उसकी एक एक प्रति संबंधित थानों तहसील व ब्लाकों पर भी अनुरक्षित की जाय।

यह भी निर्देश दिये गये कि प्रत्येक लेखपालों / संबंधित सम्पत्ति अधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र लिया जाय कि उनके द्वारा क्षेत्र के समस्त अवैध कब्जाधारकों व चिन्हित कर लिया गया है तथा उनके विरूद्ध The public premises ( Eviction of unauthorised occupants) Act 1971 के तहत कार्यवाही सुनिश्चित कर ली गयी है। लेखपाल / सम्पत्ति अधिकारी की इस सूचना का सत्यापन तहसीलदार / उप जिलाधिकारी / सचिव / अपर नगर आयुक्त द्वारा किया जाय।

– अवैध कब्जामुक्त कार्यवाही में सम्बन्धित थानों के प्रभारी निरीक्षक / थानाध्यक्ष / क्षेत्राधिकारी / पुलिस अधीक्षक का भी यथासंभव सहयोग लिया जाय।

– उत्तरदायी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गये कि अपेक्षित सूचनाओं में विसंगति व भिन्नता पाये जाने पर उक्त कार्य के लिये नामित अधिकारियों के विरूद्ध भी विधिसम्मत कार्यवाही की जायेगी।