नवयुगल जोड़ों ने दहेज प्रथा जैसी बड़ी कुरीति को तोड़ने का किया कार्य : जिला पंचायत अध्यक्ष गौतम 
झांसी । समाज कल्याण विभाग झांसी द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत “सामूहिक विवाह कार्यक्रम” का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष पवन गौतम के मुख्य आतिथ्य में किले की तलहटी स्थित अर्बन हाट मैदान में किया गया। समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शुमार सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से गरीब एवं निराश्रित महिलाओं के विवाह की समस्याओं का निराकरण किया है। उन्होंने सभी नवयुगल जोड़ों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन जोड़ों ने आयोजन का प्रतिभागी बन दहेज प्रथा जैसी एक बड़ी कुरीति को तोड़ने का कार्य किया। सदस्य विधान परिषद रमा निरंजन ने वर-वधुओं को बहुत-बहुत बधाई दी।
इस अवसर पर विधायक, झांसी सदर रवि शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आनंद की लहर बह रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में समाज के अन्तिम छोर पर खड़े हुए व्यक्ति को योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से गरीब को अपनी कन्या के हाथ पीले करने की चिंता दूर हो गई है।
विधायक मऊरानीपुर, डॉ रश्मि आर्य ने सामूहिक विवाह योजना की सराहना करते हुए कहा आज इस योजना के माध्यम से गरीब एवं निराश्रित महिलाओं को लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है।
 कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत रू 2.00 लाख वार्षिक आय वाले परिवारों की कन्याओं का सामूहिक विवाह समाज कल्याण विभाग द्वारा नगर निगम, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत (खण्ड विकास अधिकारी) तथा नगर पालिका परिषद / नगर पंचायत के माध्यम से निःशुल्क सम्पन्न कराया जाता है। इस हेतु शासन द्वारा आर्थिक सहायता के रूप में दी जाने वाली सहायता रू0 51,000/- की धनराशि में से रू0 35,000/- कन्या के खाते में भेजे जाते हैं, रू0 10,000/- की सामग्री दी जाती है और रू0 6,000/- प्रति जोड़े की दर से विवाह आयोजन में व्यय होती है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लाभ हेतु समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट cmsvy.upsdc.gov.in  पर आवेदन किया जाना अनिवार्य है। उक्त सहायता हेतु कन्या के अभिभावक उ०प्र० के मूल निवासी होने चाहिए, आवेदक के परिवार की आय 02.00 लाख वार्षिक से कम होनी चाहिए। विवाह हेतु कन्या की आयु 18 वर्ष तथा वर की आयु 21 वर्ष पूर्ण होनी चाहिए, तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र आदि अनिवार्य है।
 कार्यक्रम का संचालन डॉ कल्पना पाण्डेय द्वारा किया गया। अंत में जिला समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव द्वारा आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में सदस्य, राज्य सलाहकार समिति संतराम पेंटर सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।