झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश,न्यायालय संख्या – 2 विजय कुमार वर्मा प्रथम की अदालत में गोवंश की तस्करी के मामले में दोष सिद्ध होने पर पांच पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई गई। न्यायालय द्वारा भारी अर्थदंड भी लगाया गया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी देशराज सिंह ,सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी ) देवेन्द्र पांचाल ने बताया कि उ०नि० निर्मल कुमार 15 जून 2022 को पुलिस बल के साथ गश्त पर थे कि दूरभाष पर भंवर पाल सिंह असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर सचल दल तृतीय इकाई रक्सा ने सूचना दी कि एक कन्टेनर से लगभग 40 से 50 गौवंशीय पशु झांसी से ललितपुर की तरफ सिजवाहा से करीब 2 किमी ललितपुर की ओर उनके वाहन चेकिंग के दौरान मौके पर रोक लिया गया है। बताये गये स्थान पर पहुंचकर देखा कि एक कंटेनर में करीब 40-50 गौवंशीय पशु एक दूसरे के ऊपर चढ़े हुए अपर्याप्त जगह में भूखे प्सासे पड़े हुए है ,जिस पर कुछ पशु कम जगह होने व समय से खाना पीना न देने के कारण मर भी गये हैं,इसी बीच मौके का फायदा उठाकर वाहन में मौजूद ड्राईवर व कंडक्टर भाग गये।

कंटेनर का निरीक्षण किया गया तो कंटेनर में छिपे दो व्यक्ति वाजिद पुत्र नूरहसन तथा दूसरे ने अपना नाम कलीम पुत्र सईद निवासी नई बस्ती सहारनपुर तथा भागे हुए ड्राईवर का नाम सलमान, कंडेक्टर का नाम मोनू निवासी प्रयागराज बताया। बताया कि कंटेनर प्रयागराज के व्यक्ति का है हमें तथा कंडेक्टर ,ड्राईवर सभी को प्रयागराज के रिजवान पुत्र अख्तर ने गौवंशीय पशुओं की तस्करी के लिये शामिल किया था । बताया था कि इसमें बहुत फायदा है, देश के कई हिस्सों से गौवंशीय पशुओं को ले जाकर कोलकाता व शिवनी मध्यप्रदेश में आपूर्ति करना है।जहां से गौवंशीय पशुओं को काटकर मांस को बंग्लादेश भेजा जाता है व कुछ मांस की आपूर्ति भारत में हो जाती है। जिसमें काफी फायदे के लालच में उक्त कार्य से जुड़ गये थे। कंटेनर में कम जगह के बावजूद भी दोगुने पशुओं को भर लेते थे, खाना-पीना भी नहीं देते थे। सीधा ले जाकर गंतव्य पर उतारते थे। रिजवान गाड़ी के आगे आगे सफेद आर्टिका गाड़ी से चल रहा था कि जैसे ही झांसी होते हुए ललितपुर के लिये जा रहे थे कि यहां पर वाणिज्य कर वालों ने रोक लिया तब रिजवान ,ड्राईवर व कंडेक्टर मौके से भाग गये। कंटेनर में 47 अदद गौवंशीय पशुओं को बुरी तरह एक दूसरे के ऊपर लादकर रखा पाया गया। जानवरों के पेट खाली थे, उनके शरीर से रक्त का रिसाव भी हो रहा था, बाहर जीभ निकाले थे। पशुओं के साथ बुरी तरह क्रूरता पूर्ण कार्य किया गया जिस कारण से 40 बछड़े गौवंशीय मृत पाये गये 7 बछड़े गौवंशीय जीवित पाये गये जिन्हें बचाने के उद्देश्य से तत्काल बाहर निकलवाकर कर्मचारियों के माध्यम से जानवरों को पानी उपलब्ध कराया गया ताकि वह बच सके ।

मौके पर पशु चिकित्सक को बुलाकर उपचार कराया गया।कंटेनर के चेसिस नम्बर को एप में डाला गया तो असली गाड़ी नम्बर यूपी-70-जीटी- 0533 तथा वाहन स्वामी का नाम इश्तिखार खान पुत्र लियाकत अली निवासी कन्धईपुर धूमनगंज प्रयागराज पाया गया। जिसके बाद वाजिद पुत्र नूर हसन ,कलीम पुत्र सईद निवासी नई बस्ती कैलाशपुर थाना गागाल हेडी जिला सहारनपुर,रिजवान पुत्र नवी अख्तर, निवासी वडी धन्नी थाना कोखराज जिला कौशाम्बी ,इश्तिखार खान पुत्र लियाकत अली निवासी कन्धाईपुर धूमनगंज प्रयागराज ,फारूख पुत्र मोहम्मद कादिर, निवासी इस्लाम पुरा, थाना मुरैना म०प्र०के खिलाफ धारा- 3/5क/5ख / 8 उ०प्र० गौ वध निवारण अधिनियम धारा 420, 467, 468, 471, 34 भा०दं०सं० व धारा- 7 सीएलए एक्ट में थाना रक्सा में मुकदमा दर्ज किया गया।

विवेचना उपरान्त आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर दोषसिद्ध अभियुक्त वाजिद पुत्र नूरहसन, कलीम पुत्र सईद, रिजवान पुत्र नवी अख्तर, इश्तिखार खान पुत्र लियाकत अली, फारूख पुत्र मोहम्मद कादिर प्रत्येक को धारा 5क / 8 उ०प्र० गौवध निवारणअधिनियम 1955 में 05 -05 वर्ष के सश्रम कारावास व 03-03 लाख रूपये अर्थदण्ड,अर्थदण्ड अदा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा 5ख उ०प्र० गौवध निवारण अधिनियम 1955 में 05-05 वर्ष के सश्रम कारावास व 01-01 रूपए अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर 03-03 माह के अतिरिक्त कारावास, धारा-468 / 34 भादं०सं० में 05-05 वर्ष के सश्रम कारावास व 10-10 हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर 02-02 माह के अतिरिक्त कारावास , धारा 471/34 भा०दं०सं० में 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास व 05-05हजार रूपए के व अर्थदण्ड अदा न करने पर 01-01 माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई ।
अभियुक्तगण सैय्यद सलमान अहमद उर्फ सैय्यद हमजा पुत्र खुर्शीद अहमद व मोनू कौशल पुत्र राजेश कौशल प्रत्येक को धारा-5 क / 8 उ०प्र० गौवध निवारण अधिनियम 1955 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास व
तीन लाख रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 6 माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा-5 ख उ०प्र० गौवध निवारण अधिनियम 1955 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास व एक लाख रुपए अर्थदण्ड व अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 3 माह के अतिरिक्त कारावास, धारा-
468/34 भा०द०सं० में 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 10 हजार रू० अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर दो माह के अतिरिक्त कारावास, धारा 471/34 भा०द०सं० में 2 वर्ष के सश्रम कारावास व 5 हजार रूपये  अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई।