झांसी। झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र में फर्नीचर के कारीगर व किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों ने बीमारी से परेशान थे।

थाना रक्सा क्षेत्र के गांव सुजवाहा निवासी रेलवे से सेवानिवृत्त बाबूलाल अहिरवार का पुत्र भूपेंद्र अहिरवार फर्नीचर का कारीगर था। उसने एक महीने पहले ही लहरगिर्द में फर्नीचर बना कर बेचने की दुकान खोली थी। रविवार को भूपेंद्र दुकान पर नहीं गया और घर में सोने के लिए चला गया। काफी देर तक न जागने पर परिजनों ने कमरे की कुंडी बजाई, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया। कमरे में झांक कर देखा तो भूपेंद्र का शव पंखे से दुपट्टे के फंदे से झूलते दिखाई दिया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों का कहना है कि पिछले डेढ़-दो माह से वह पेट में दर्द रहने से परेशान चल रहा था। इसी परेशानी में उसने आत्मघाती कदम उठा लिया है।

इसी प्रकार थाना रक्सा क्षेत्र के ग्राम पलींदा के पठलापुरा निवासी शिवशंकर सिंह राजपूत (36) गांव में ही अपने परिवार के साथ रह कर खेती व दूध और सब्जी का व्यवसाय करता था। शनिवार को शिवशंकर दिन भर गेहूं की कटाई करता रहा। इसके बाद वह शाम को घर वापस लौटा और रात तकरीबन 10 बजे घर से चला गया फिर नहीं लौटा। परिजन देर रात तक उसकी खोजबीन करते रहे। सुबह उसका शव घर के पीछे लगे नीम के पेड़ पर झूलता हुआ मिला। परिजनों ने बताया कि कुछ साल पहले शिवशंकर का सड़क दुर्घटना में एक पैर कट गया था, जिससे उसे काफी तकलीफ होती थी। इससे उसे शराब पीने की लत भी लग गई थी। शारीरिक तकलीफ और शराब के नशे में उसने आत्मघाती कदम उठा लिया।