– वायरल वीडियो से जीरो टॉलरेंस नीति पर प्रश्न चिन्ह लगे 

झांसी। योगी आदित्यनाथ के राज्य में झांसी में  लेखपाल द्वारा द्रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल होने से जीरो टॉलरेंस नीति पर प्रश्न चिन्ह लगने लगे। इससे बैकफुट पर आए जिला प्रशासन द्वारा तत्काल प्रभाव से लेखपाल को निलम्बित कर कार्यवाही करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

कोई माने या न माने सबसे अधिक भ्रष्टाचार राजस्व विभाग में है और इससे किसान व आम आदमी परेशान हैं, किंतु काम लटक जाने के डर से शिक़ायत नहीं कर रिश्वत देने में विश्वास रखता है। हालांकि बुधवार को वायरल हुए एक वीडियो ने प्रशासन की जीरो टॉलरेंस नीति पर प्रश्न चिन्ह लग गया। इस वीडियो में तहसील सदर में तैनात लेखपाल एसके गौर किसी व्यक्ति से काम के एवज में रुपये मांगता नजर आ रहा है। वह साफ कह रहा है कि फिफ्टी परसेंट एडवांस दो, बाकी काम होने पर। ताज्जुब तो तब हुआ जब उसने यह कहा कि अमुक साहब को भी हिस्सा देना पड़ता है तभी वह फ़ाइल पर दस्तखत करते हैं। साथ ही यह भी कहा की रिश्वत कैश ही चलती है, इसका चैक नहीं लिया जाता।
इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन बैकफुट पर आ गया। तत्काल ज्वांइट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर सान्या छावड़ा व नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार के निर्देश पर लेखपाल संतोष गौर पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 13(1)(ए), 13(1)(बी), 13(2) तथा भारतीय दंड विधान की धारा 504, 506 के तहत सुसंगत प्राविधानों के तहत थाना सीपरी बाजार में एफआईआर दर्ज करायी गयी है। जो भी एफआईआर दर्ज की गयी वह वीडियो के तथ्यों के आधार पर की गयी है। पूरी कार्यवाही राज्य सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त नीति (जीरो टॉलरिंग पॉलिसी) के अन्तर्गत त्वरित प्रभावी कार्यवाही तत्काल निलम्बित कर दिया गया है।