– बुन्देलखण्ड की विभूतियों को सम्मानित कर उनके कार्यों का होगा राष्ट्रीय पटल पर प्रदर्शन
Jhansi। बुन्देलखण्ड की महान विभूतियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से पर्ल्स आफ बुन्देलखण्ड समिति का गठन किया गया है जिसकी बैठक में मण्डलायुक्त डा. अजय शंकर पाण्डेय ने कहा कि झाँसी मण्डल में अनेक महान विभूतियाँ हुई है परन्तु कुछ ही विभूतियाँ हैं जिन्हें राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला है। अनेक विभूतियाँ ऐसी हैं जिन्होंने अपने जीवन में अनेक विशिष्ट उपलब्धियाँ अर्जित की हो, बुन्देलखण्ड सहित देश व प्रदेश का नाम रोशन किया परन्तु उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाया जिनके वे वास्तविक हकदार हैं। ऐसे विभूतियों को मण्डल स्तर पर गठित समितियों द्वारा खोजकर सम्मानित किया जायेगा।
  मण्डलायुक्त ने बताया कि अनेक विभूतियाँ अपने कार्यों में इतनी खोयी रहीं कि उन्होंने अपने आप को ‘‘लाइम लाइट’’ में आने के बारे में न तो सोचा न ही इस दिशा में कोई कार्य किया। इन विभूतियों के कार्यों को अगली पीढ़ी तक हस्तांरित करना आवश्यक है अन्यथा इनके कार्य विलुप्त हो जायेंगे। ऐसी विभूतियों को मण्डल स्तर पर विशेष रूप से सम्मानित किया जायेगा तथा विभूतियों द्वारा किये गये कार्यों पर शोध व अध्ययन के कार्य को बढ़ावा दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि अब तक समिति के प्रारंभिक कार्यों से पता चला है कि झाँसी में एक महान गणितज्ञ रहते हैं जिन्होंने मध्यकालीन भारतीय गणित की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक झलकियाँ  नामक पुस्तक सहित 400 से अधिक राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर के शोधपत्र लिखे हैं। इसी प्रकार कुछ ऐसे साहित्यकार हैं जिन्होंने अनेक किताबे लिखी हैं परन्तु प्रकाशित नहीं हुई हैं, कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने पत्रकारिता व लोक संस्कृति के क्षेत्र में कई दशकों तक कार्य किया है ऐसी सभी विभूतियों को सम्मानित किये जाने की सूची में प्रस्ताव लाये जा रहे हैं।
पर्ल्स आफ बुन्देलखण्ड नामक समिति झाँसी मण्डल सहित बुन्देलखण्ड के अन्य जनपदों के साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान एवं तकनीक, सेवा, कला एवं संस्कृति, इतिहास एवं पुरातत्व, खेल, पत्रकारिता, खनिज, प्राशसन, पर्यावरण, कृषि, जल संरक्षण, उद्योग आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विशिष्ट व्यक्तियों की खोज कर उनके कार्यों का संकलन कराया जा रहा है।
पर्ल्स आफ बुन्देलखण्ड के कार्य को तीन श्रेणियों में बाटाँ गया है। सर्वप्रथम ऐसी विभूतियों को सम्मानित किया जायेगा जो अब इस दुनिया में नहीं है। दूसरी श्रेणी में वे विभूतियाँ होंगी जो केवल स्थानीय स्तर तक सम्मानित हैं उन्हें राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय सम्मानों के लिये पंजीकृत कराया जायेगा और तीसरे श्रेणी में उन विभूतियों को लिया जायेगा जिन्होंने उल्लेखनीय कार्य किये हैं परन्तु किसी भी स्तर पर सम्मानित किये जाने के लिये नामांकित नहीं हुए हैं। ऐसी विभूतियों को राष्ट्रीय व राज्य स्तर से दिये जाने वाले विभिन्न सम्मानों के लिए प्रविष्टियाँ भेजना तथा स्थानीय स्तर पर सम्मान देने की दिशा में भी पहल की जा रही है।
समिति के अध्यक्ष डा. मुन्ना तिवारी व सचिव चन्द्रप्रताप ने बताया कि पर्ल्स आफ बुन्देलखण्ड के लिये कोई भी व्यक्ति स्वंय अथवा किसी संस्था/व्यक्ति के माध्यम से अपने क्षेत्र की विभूतियों की सूचना समिति को दे सकता है इस हेतु गौरव गर्ग के नेतृत्व में एक मीडिया कैम्पेन भी चलाया जायेगा। मण्डलायुक्त की ओर से समिति के कार्यों को गति देने हेतु बेसिक शिक्षा विभाग के डा. बृजेश दीक्षित व डा. अनिरूद्ध रावत को नोडल अधिकारी नामित किया गया।
बैठक में अपर आयुक्त प्रशासन सर्वेश कुमार, समिति के अध्यक्ष डा. मुन्ना तिवारी, सचिव चंद्रप्रताप सिंह, उपाध्यक्ष अरिंदम घोष  व रामसेवक अडजरिया,  समिति के पदाधिकारी हरी त्रिपाठी , नवीन प्रकाश दुबे, अनुपम व्यास, मनमोहन मनु, श्याम जी कृष्ण मिश्र, राजकुमार अंजुम, गौरव गर्ग, विकास वर्मा, नरेंद्र पाठक, सुदर्शन शिवहरे , अरविन्द ओझा, शाश्वत सिंह  आदि उपस्थित रहे. बैठक का संचालन मण्डलीय परियोजना प्रबंधक सिफ्सा आनन्द चौबे ने किया।
विभूतियों के चयन हेतु चयनित कार्यक्षेत्र
साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान एवं तकनीक, सेवा, कला एवं संस्कृति, इतिहास एवं पुरातत्व, खेल, पत्रकारिता, खनिज, प्राशसन, पर्यावरण, कृषि, जल संरक्षण, उद्योग व अन्य।
पल् र्स आफ बुन्देलखण्ड समिति के उद्देश्य
1. बुंदेलखंड परिक्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली विभूतियों को एवं उनके कार्यों के अन्वेषण, दस्तावेजीकरण, प्रोत्साहन एवं सार्वजनिकरण
2. सिद्धहस्त व्यक्तियों अथवा उनके कार्यों पर शोध, कार्यशाला, संगोष्ठी इत्यादि का आयोजन
3. महान व्यक्तियों के कार्यों का दस्तावेजीकरण, पुस्तक प्रकाशन एवं संरक्षण करना
4. अर्द्धवार्षिक ई-पेपर का प्रकाशन
5. महान व्यक्तियों एवं उनके कार्यों पर शोध कार्य
6. प्रदेश, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दिए जाने वाले पुरुस्कारों हेतु  बुन्देलखण्ड के मोतियों को उस पुरुस्कार के लिये नामांकन।