Jhansi । ओरछाधीश्वर अयोध्यापति प्रभु श्रीराम की असीम अनुकम्पा से रूद्राणी कलाग्राम एवं शोध संस्थान, ओरछा तथा हिन्दी विभाग, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी के संयुक्त तत्वावधान में बीयू में हिंदी विभाग में 23 और 24 मई को हिन्दी सिनेमा में ‘राम’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में विद्वानों के व्याख्यान तथा शोधार्थियों द्वारा शोधपत्रों का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।

रामराजा सरकार और वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की पावन रज पर आयोजित इस महनीय आयोजन में अनेक कार्यक्रम होंगे तथा हिन्दी सिनेमा में राम विषय पर आयोजित संगोष्ठी हेतु देश विदेश के समस्त प्रतिष्ठित विद्वानों एवं शोधार्थियों से इस विषय पर शोध पत्र आमंत्रित किए गए हैं। संगोष्ठी के प्रस्तावित उपविषय निम्नवत हैं ~
१. हिन्दी फिल्मों में चित्रित राम
२. हिन्दी सिनेमा के गीतों में अभिव्यक्त राम
३. हिन्दी सिनेमा के राम
४. हिन्दी सिनेमा में सीता
५. दादा साहब फाल्के की फिल्मों पर राम कथा का प्रभाव
६. रामानंद सागर और राम कथा
७. टीवी धारावाहिकों में चित्रित राम
८. विजय भट्ट की फ़िल्मों पर राम कथा का प्रभाव
९. रामायण की पटकथा पर विभिन्न रामायणों के प्रभाव
१०. अयोध्या, ओरछा, कोंच, दतिया, महोबा आदि की रामलीलाएँ
११. राम कथा आधारित फिल्मों का समाज पर प्रभाव
१२. हिन्दी नाटकों में राम
१३. अंग्रेज़ी फ़िल्मों में राम
१४. उर्दू शायरों की नज़र में राम
उपर्युक्त के अतिरिक्त अन्य संबंधित विषयों पर भी शोधपत्र दिनांक 23 मई, 2022 तक [email protected] पर भेजे जा सकते हैं। श्रेष्ठ शोध पत्रों को पुरस्कृत किया जाएगा तथा सभी शोध पत्रों को पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित किया जाएगा। शोध पत्र कम से कम 3000 शब्दों में यूनिकोड में टंकित होना चाहिए। 23 मई को सायंकाल राम काव्य समागम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के प्रतिष्ठित कवि भगवान श्रीराम पर रचित कविताओं का पाठ करेंगे।

कार्यक्रम में भोपाल से मनोज श्रीवास्तव और डॉ राजेश श्रीवास्तव, सतना से प्रह्लाद अग्रवाल, दिल्ली से संजीव श्रीवास्तव और ऋतु दुबे, लखनऊ से प्रो सर्वेश कुमार सिंह और महेन्द्र भीष्म, वाराणसी से प्रो योगेन्द्र मिश्र और डॉ देवीप्रसाद तिवारी के आने की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। यह जानकारी हिन्दी विभाग के अध्यक्ष और कार्यक्रम संयोजक डॉ पुनीत बिसारिया ने दी है।