झांसी। बुंदेलखंड वि वि नकल प्रकरण के मुख्य आरोपी प्रधानाचार्य का जमानत प्रार्थनापत्र सत्र न्यायाधीश इन्दु द्विवेदी की अदालत में निरस्त कर दिया गया।

जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव ने बताया कि वादी मुकदमा प्रो० सुनील प्रजापति केन्द्राध्यक्ष नवीन परीक्षा बुन्देलखण्ड वि०वि० ने विगत 06 अप्रैल को थाना नवाबाद में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि प्रातः की पाली में परीक्षा सम्पादित करा रहा था तभी बी०एस०सी० की परीक्षा के भौतिक विज्ञान (द्वितीय प्रश्न पत्र ) छात्र अजय भाष्कर कक्ष संख्या २०१ में परीक्षा के दौरान लिखित उत्तरो सहित एक चिट उड़ाकादल द्वारा पकड़ी गयी। अजय भाष्कर के कहने पर अन्य छात्रों से पूछताछ की गयी छात्र ने बताया कि उसे सुबह परीक्षा पूर्व मोबाइल पर प्रश्न पत्र आये थे और अन्य सभी छात्रों के मोबाइल पर भी मैसेज आये थे उसी आधार पर उड़ाका दल और परीक्षा नियंत्रक के सामने कुछ छात्रों ने बताया कि प्रश्न पत्र मोबाइल पर है और मोबाइल बाहर से बुलाये गये यह मोबाइल उनकी गाड़ियों में स्वयं छात्रों ने लाकर के दिये जिनमें छात्रों के प्रश्न पत्रों से किया गया तो प्रश्न पत्र दिखाया गया जिसका मिलान चल रही परीक्षा के प्रश्न पत्रों से किया गया। रिपोर्ट पर मुकदमा पंजीकृत
किया गया था। उक्त मामले में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय व विज्ञान द्वितीय वर्ष पेपर लीक आउट के मुख्य अभियुक्त प्रधानाचार्य संजीव श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत धारा १० उ०प्र० सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम एवं धारा ६६डी आई०टी० एक्ट एवं धारा ४२०, १२०बी, ४०९ भा०दं०सं० के तहत जमानत प्रार्थनापत्र न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया।