समय से सूचना नहीं देना पड़ा महंगा, अन्य को मिलेगा सबक 

झांसी। नगर निगम के जन सूचना अधिकारी को समय से सूचनाएं ना देना महंगा पड़ गया। राज्य सूचना आयोग ने ₹25000 का अर्थदंड लगाया । दोषी जन सूचना अधिकारी की वेतन से कटौती कर उक्त जुर्माना की राशि वसूलने के आदेश दिए।
नगर के सामाजिक व आरटीआई कार्यकर्ता मुदित चिरवारिया ने नगर निगम झांसी से जन सूचना अधिकार के तहत 1 दिसंबर 2019 को चार बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। सूचना प्राप्त न होने पर 19 फरवरी 2020 को प्रथम अपील की। नगर निगम सूचनाओं के उजागर होने पर फंसने के डर से सूचनाएं दवाए रहा । इस पर 18 मई 2020 को राज्य सूचना आयोग में अपील कर दी गई। आयोग ने सुनवाई हेतु दोनों पक्षों को 25 मार्च 2021 को बुलाया । तब जाकर नगर निगम की नींद टूटी और 2 दिन पूर्व 23 मार्च को आधी अधूरी सूचनाएं भेज दी। इसके बाद नगर निगम को 28 अक्टूबर 2021 व 26 मई 2022 को बुलाया गया वहां नगर निगम से सूचनाओं में हुई देरी पर स्पष्टीकरण तलब किया गया लेकिन नगर निगम सूचनाओं में हुई देरी पर स्पष्टीकरण नहीं दे सका। इस पर सूचना आयुक्त किरन वाला चौधरी ने 23 मार्च 2021 को पदस्थ जन सूचना अधिकारी नगर निगम झांसी पर ₹25000 का अर्थ दंड लगाते हुए संबंधित के वेतन से कटौती करने के आदेश दिए।
पहले जिला कारागार झांसी व अब नगर निगम झांसी के जन सूचना अधिकारी पर जुर्माना लगने से यह तय हो गया है कि जनपद में जन सूचना अधिकारी उक्त अधिनियम को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि उनकी कई अपीलें लंबित हैं। 28 जून को लोक निर्माण विभाग की सुनवाई है।