झांसी। बाल कल्याण समिति के प्रयास से लगभग तीन वर्षीय शिशु को अपनी मां के ममतामयी आंचल की छांव मिल गयी। बेटे को पाकर माँ की आंखों से धारा प्रवाह आंसू बह निकले।

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने बताया कि हरपालपुर निवासी गोमती देवी का विवाह रानीपुर के एक सम्भ्रान्त परिवार में हुआ था। आपसी मनमुटाव के चलते 5 जनवरी 22 को उनका अपने पति से तलाक हो गया। तलाक की शर्तों के अनुसार तीन वर्षीय पुत्र आर्यंश को मां के संरक्षण में सोंपा जाना था। पर किन्हीं कारणों के चलते ससुराल बालों द्वारा बच्चे को माँ गोमती को नहीं सोंपा गया।
आखिर में परेशान होकर गोमती देवी ने वन स्टाप सेन्टर की प्रभारी प्रीति त्रिपाठी से सम्पर्क किया और उनके साथ आकर बाल कल्याण समिति के समक्ष 18 मई को बच्चा दिलाने हेतु प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया । समिति ने तत्काल कार्यवाही करते हुए गोमती देवी के ससुराल बालों को तलब कर पुत्र आर्यंश को माँ की सुपुर्दगी में देने के आदेश दिये। ससुराल बालों ने बच्चा न देने के लिये काफी कुतर्क किये और बच्चे को प्रस्तुत ही नहीं किया। आखिर में विधिक कार्यवाही की चेतावनी मिलने पर उन्हें बच्चे को उसकी माँ के संरक्षण में देना ही पड़ा।

उस समय बड़ा मार्मिक दृश्य उपस्थित हो गया जब अपने बेटे को पाकर माँ की आंख से धारा प्रवाह आंसू बहने लगे। इस कार्यवाही के दौरान बाल कल्याण समिति की सदस्य परवीन खान , कोमल सिंह, दीप्ति सक्सेना व हरीकृष्ण सक्सैना उपस्थित रहे ।