बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाओं के बढ़ने की आशंका के लिए सतर्कता जरूरी
झांसी। बारिश के मौसम में जहरीले सांप-बिच्छुओं की चपेट में आकर हर साल अनेक पीड़ितों की मृत्यु हो जाती हैं। ऐसे में लोगों को बचाने और मृत लोगों के परिजनों को सहायता मुहैया कराने के लिए मंडलायुक्त झांसी डा. अजय शंकर पाण्डेय ने मण्डल के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा जारी किए गए शासनादेश का हवाला देते हुये मंडलायुक्त ने सर्पदंश से होने वाली मौतों को नियंत्रित करने की हिदायत दी है। इसके लिए उन्होंने चिकित्सालयों में सभी जरूरी उपाय करने को कहा गया है। जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) स्तर पर पर्याप्त संख्या में एंटी स्नैक वेनम (ए.एस.वी.) की उपलब्धता और प्रभावित होने वालों को तत्काल उचित उपचार के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था पहले से ही करने को निर्देशित किया गया है। साथ ही प्रभावित होने वाले परिवारों को सात दिन के अंदर सहायता मुहैया कराने को जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
मंडलीय परियोजना प्रबंधक आनन्द चौबे ने बताया कि झांसी मण्डल के जनपद पठारी इलाकों से घिरे हुए हैं। यहां घने जंगल भी हैं। बारिश के मौसम में हर साल दूरदराज और जंगली इलाकों में सर्पदंश के मामलों में बढ़ोत्तरी हो जाती है। कई बार लोगों को समय से उचित उपचार नहीं मिल पाता, जिससे असमय ही लोगों की मौत तक हो जाती है। इसी के मद्देजनर मंडलायुक्त ने पूरे मण्डल में सर्पदंश से होने वाली मौतों को गंभीरता से लेते हुए समय रहते उसके बंदोबस्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यदि किसी की मृत्यु सर्प दंश से होती है तो उसे 4 लाख की अहेतुक सहायता दी जायेगी।
मंडलायुक्त ने मण्डल के जनपदों झांसी, ललितपुर, जालौन के जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर सभी सीएचसी स्तर पर एंटी स्नैक वेनम की उपलब्धता बनाए रखने को कहा है। साथ ही सर्पदंश से प्रभावित होने वालों को समय से अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की भी व्यवस्था कराने को निर्देशित किया है। साथ मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को इस अवस्था से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने स्तर से इसकी समीक्षा करते रहें।
सात दिन में मिले पीड़ित परिवारों को अहेतुक सहायता
मण्डलायुक्त ने अपने आदेश में मण्डल के सभी जिलाधिकारियों को सर्पदंश से होने वाली मृत्यु के मामलों में पीड़ित परिवारों को सात दिन के अंदर अहेतुक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि मृतक का पंचनामा कराकर पोस्टमार्टम कराया जाए। पोस्टमार्टम के बाद बिसरा रिपोर्ट प्रिजर्व करने की आवश्यकता नहीं है। प्रत्येक दशा में सर्पदंश से होने वाली मौतों के बाद प्रभावित परिवारों को सात दिन के अंदर अहेतुक सहायता उपलब्ध कराई जाए। पीड़ित सहायता के लिए अपने क्षेत्र के लेखपाल, उप जिलाधिकारी, जिलाधिकारी या मंडलायुक्त कार्यालय में संपर्क कर सकते है।
साँप काटने पर क्या करें
 सांप को अच्छी तरह से देखने और पहचानने की कोशिश करें ताकि सांप का हुलिया बताने से चिकित्सक को इलाज करने में आसानी हो।
 सांप के काटने के बाद प्रभावित व्यक्ति को सीधा लिटा दें।
 पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर से सारी चीजें जैसे घड़ी, कंगन, अंगूठी, पायल, चेन व जूते चप्पल आदि सभी चीजें उतार लें।
 पीड़ित को बेहोश नहीं होने दें। अगर वह बेहोशी की हालत में हो भी तो उसकी सांसों पर ध्यान रखें और गर्माहट प्रदान करने का पूरा प्रयास करें।
 यदि हाथ में सांप ने काटा है तो उसे नीचे की ओर लटकाकर रखें ताकि जहर दिल तक पहुंचने में वक्त लग सके। यदि पैर में काटा है तो पलंग पर इस तरह लिटा दें ताकि मरीज के पैर नीचे लटके रहें।
 तुरंत नजदीकी चिकित्सा केंद्र पर सपर्क करे।
साँप काटने पर क्या न करें
 मरीज को शांत रखने की कोशिश करें, मरीज जितना उत्तेजित रहेगा, उसका रक्तचाप भी उसी गति से बढ़ेगा।
 काटे हुए स्थान पर मसाज न करें और न ही मुंह लगाकर जहर निकालने का प्रयास करें।
 प्रभावित व्यक्ति को किसी किस्म का कोई भी अल्कोहल वाला पदार्थ न दें।
 झाड़-फूंक के चक्कर में समय बर्बाद न करें, प्रभावित को अस्पताल लेकर जाएं।