झांसी। अपने ही बेटे की गैर इरादतन हत्या का आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय कक्ष सं०- ८ प्रतीक्षा नागर ने निर्दयी पिता को दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अतुलेश सक्सेना के अनुसार ग्राम कलरा,थाना बम्हौरी कलां जिला टीकमगढ़, म०प्र० निवासी वादी मुकदमा सियाराम पुत्र हल्के अहिरवार ने थाना कोतवाली में तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी पुत्री सुनीता की शादी हरिओम पुत्र रमेश अहिरवार निवासी ग्राम टहरौली खास के साथ करीब १०- १२ साल पहले हुई थी। करीब तीन वर्ष पूर्व सुनीता ने एक पुत्र को जन्म दिया और उसी दिन सुनीता की मृत्यु हो गई थी। पुत्र का नाम आदित्य था, जिसे पंचों के द्वारा वह ले गया था। पंचों के समक्ष हरिओम ने कहा था कि वह बच्चे के भरण-पोषण का खर्चा और अपनी जमीन जायदाद में १/२ का हिस्सा दूंगा व शादी करूंगा। सुनीता की मृत्यु के दो माह बाद हरिओम ने थाना मोंठ क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बकूवां निवासी मन्जू पुत्री रामनाथ के साथ शादी कर ली थी। सियाराम ने अपने नाती आदित्य का तीन साल तक पालन-पोषण किया। विगत ०५ अगस्त २०१६ को उसके यहाँ रमेश व सुरेश पुत्रगण ग्यासी अहिरवार आये और आदित्य को यह कह कर ले गये कि कुछ दिनों के लिए आदित्य को अपने साथ ले जा रहे हैं। जिस पर उसने कहा कि आदित्य को मन्जू के पास मत भेजना, वह सौतेली माँ है, तो रमेश ने कहा कि मैं आदित्य को अपने पास रखूंगा। जब वह १६ अगस्त २०१६ को अपने नाती आदित्य को लेने टहरौली गया, तो रमेश ने कहा कि नाती को झाँसी हरिओम व मन्जू ले गये हैं। जिस पर उसने हरिओम के मोबाईल पर बात की, तो हरिओम ने कहा कि आप मेडिकल गेट नं०- २ पर आ
जाओ। वह वहाँ पहुंचा, तो हरिओम नहीं मिला। दोबारा फोन किया, तो हरिओम ने कहा कि मैं आदित्य को नहीं भेजूंगा और तुमसे कोई रिश्ता नहीं है। जिस पर वह झांसी से घर चला गया।

१७ अगस्त २०१६ की शाम रघू ने फोन से बताया कि नाती आदित्य खत्म हो गया है। जब वह लोग रात्रि में टहरौली पहुंचे और बच्चे को देखा तो मारने-पीटने की काफी चोटे थी। पुलिस ने पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम करवाया। टहरौली पुलिस को हरिओम ने बताया कि वह झाँसी पठौरिया मुहल्ले में रहता था। वादी जब मकान मालिक के घर गया और आस-पास के लोगों से जानकारी की, तो उन्होने बताया कि वह दोनो बड़े निर्दयी हैं, बच्चे को रोज पीटते थे, कल तो वाईपर व लोहे की सरिया से मारा, जिससे बच्चा बेहोश हो गया। उसके नाती की मृत्यु उनके मारने पीटने के कारण हुई है। वादी मुकदमा की लिखित तहरीर पर कोतवाली में २९ अगस्त २०१६ को धारा ३०४ भा०द०सं० का अभियोग पंजीकृत किया गया । दौरान विवेचना अभियुक्त हरिओम पुत्र रमेश के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य एकत्र कर आरोप पत्र धारा ३०४ भा०द०सं० के अन्तर्गत न्यायालय में प्रेषित किया गया।जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर दोषी हरिओम को धारा ३०४ (द्वितीय भाग) भादसं. में दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं पचास हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा न करने पर उसे तीन माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।