कानपुर। कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर एक छुट्टी का आवेदन वायरल हुआ था। इसमें यूपी के बलिया जनपद में डायल 112 में तैनात एक सिपाही की तरफ से विभाग में छुट्टी के लिए आवेदन किया गया था। गोरखपुर के रहने वाले सिपाही ने पत्र में शादी के 7 महीने के बाद भी खुशखबरी यानी कि बच्चा पैदा नहीं होने पर लेटर लिखकर 15 दिनों की छुट्टी मांगी थी। लेटर में लिखा था कि महोदय, प्रार्थी की शादी को सात महीने हो गए हैं। अभी तक खुशखबरी नहीं मिली है। मैडम ने डॉक्टर के सलाह के अनुसार दवा ली है और उनके साथ रहना है। सोशल मीडिया में ये पत्र वायरल होने के बाद चर्चा का विषय बन गया था। अब ऐसा ही शिक्षा विभाग के एक क्लर्क का छुट्टी का लेटर वायरल हुआ है जो सोशल मीडिया की सुर्खियां बटोर रहा है।

दरअसल, कानपुर BSA कार्यालय के क्लर्क शमशाद ने छुट्‌टी के लिए अपने अफसरों को दिलचस्प चिट्‌ठी लिखी है। चिट्‌ठी में उन्होंने लिखा, पत्नी रूठकर मायके चली गई है, वापस लाने के लिए तीन दिन की छुट्टी चाहिए। एक साल से छुट्टी नहीं मिलने के कारण पत्नी कि नाराजगी ज्यादा बढ़ गई। लड़ाई के बाद वो बच्चों को लेकर मायके चली गई है। शमशाद की लीव एप्लिकेशन उनके विभाग में चर्चा का विषय बनी हुई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शमशाद अहमद ने 4 से 6 अगस्त तक अवकाश पर रहने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को लेटर लिखा है। उसमें उन्होंने अवकाश की वजह बताई है कि उनकी पत्नी से उनकी लड़ाई हो गई है। जिस वजह से वह मानसिक रूप से बहुत आहत है। पत्नी को मनाकर वापस लाने के लिए गांव जाना पड़ रहा है।

BSA के प्रेम नगर कार्यालय में शमशाद लिपिक के पद पर कार्यरत हैं। शमशाद का कहना है कि उन्हें पिछले एक साल से किसी भी तरह की छुट्टी नहीं मिली है। इसी बात को लेकर पत्नी से बीते कई महीनों से मामूली कहासुनी चल रही थी। दो दिन पहले बात ज्यादा बढ़ गई। विवाद बढ़ने पर वह कार्यालय आ गए थे और जब शाम को घर गए तो पत्नी मायके जा चुकी थी। साथ में बेटी और दोनों बेटों को भी ले गई है ।

BSA क्लर्क का सच बयां करता पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें शमशाद रूठी पत्नी और बच्चों को ससुराल से वापस लाने के लिए अवकाश मांग रहे हैं। हालांकि, इस पत्र पर उनके साथी कर्मचारी मुस्कुरा रहे हैं, लेकिन शमशाद का कहना है कि जो सच था लिख दिया।