झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी एवं राष्ट्र कवि मैथिली शरण गुप्त महाविद्यालय चिरगांव द्वारा इस वर्ष का साहित्य सम्मान उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को प्रदान किया गया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए जिद और जुनून होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शौर्य की प्रतिमूर्ति रानी लक्ष्मीबाई की धरती के रज को माथे लगाने आया हूं। जिंदगी का एक-एक मिनट महत्वपूर्ण है। मेरे लिए आज का दिन संकल्प का दिवस है। उन्होंने कहा कि जिस विद्यार्थी के अंदर आत्मानुशासन नहीं वह आगे नहीं बढ़ सकता।उन्होंने कहा कि उन्हें गरीबी और पिछड़ेपन के दर्द का बेहतर एहसास है। ऋषि-मुनियों और साहित्यकारों की धरती से हमें निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश को नई दिशा देगी। बहुत विचार विमर्श के बाद इसे तैयार किया गया है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में आने वाले कुछ वर्षों में इसे पूरी तरह लागु कर दिया जाएगा।

इसके पूर्व स्वागत उद्बोधन मैथिलीशरण गुप्त के पौत्र वैभव गुप्त ने एवं आभार हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो पुनीत बिसारिया द्वारा प्रस्तुत किया गया। संचालन इंजीनियर अनुपम व्यास एवं अरविंद सिंह चौहान ने किया। अंतिम सत्र में कवियों द्वारा काव्य पाठ किया गया।
इस अवसर पर कुलसचिव विनय कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर, वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद, प्रो सुनील कुमार काबिया, प्रो अवनीश कुमार, प्रो देवश निगम, प्रो डीके भट्ट, प्रो मुन्ना तिवारी, डॉ मोहम्मद नईम डॉ श्रीहरि त्रिपाठी, डॉ अर्चना पांडे इंजीनियर बृजेश शुक्ला डॉक्टर सुनील त्रिवेदी आदि उपस्थित रहे।