भारतीय शिक्षण मंडल- युवा आयाम एवं आरएफआरएफ शोध पत्र प्रतियोगिता के पोस्टर का  विमोचन
झांसी। उच्च शिक्षा क्षेत्र में नई शिक्षा नीति से सकरात्मक परिवर्तन लाने के लिए अनेकों स्तर पर प्रयास किया जा रहे है। सबसे महत्वपूर्ण है शोध के प्रति छात्रों की रुचि। आयातित ज्ञान और विज्ञान से राष्ट्र निर्माण संभव नहीं है। हमें अपने विकास योजना, अपनी संस्कृति, अपने ज्ञान और अपनी सभ्यता के अनुरूप बनानी होगी. उक्त विचार भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानितकर करने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में व्यक्त किए। वे भारतीय शिक्षण मंडल युवा आयाम एवं रिसर्च फॉर रिसेर्जेंस फाउंडेशन नागपुर द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली शोध प्रतियोगिता सुभाष स्वराज सरकार के पोस्टर विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

प्रोफेसर मुकेश पांडे कुलपति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी छात्र इस प्रतियोगिता में सहभागिता करें। आत्मनिर्भर भारत, सुभाष चंद्र बोस द्वारा आजाद हिंद सरकार की उपयोगिता, भूले बिसरे नायकों जैसे आदि महत्वपूर्ण विषयों में छात्र भागीदारी कर सकते हैं। भारतीय शिक्षण मंडल के प्रांत अध्यक्ष उरई डी वी डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजेश पांडे ने बताया कि इस प्रतियोगिता में स्नातक, परास्नातक, रिसर्च स्कॉलर और 40 वर्ष से कम की उम्र के लोग सहभागिता कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय रानी लक्ष्मीबाई के कुलपति प्रोफेसर एसके चतुर्वेदी, बुंदेलखंड डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर एसके राय, विपिन बिहारी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर टी के शर्मा, वीरांगना झलकारी बाई राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य बी बी त्रिपाठी द्वारा अपने शैक्षणिक संस्थानों में पोस्टर का विमोचन किया गया। इस अवसर पर रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अरविंद श्रीवास्तव, शांभवी खानवलकर, प्रोफेसर सुनील काबिया, प्रोफेसर मुन्ना तिवारी, प्रो पुनीत बिसारिया, प्रोफेसर डीके भट्ट, डॉ राजेश पांडे, डॉ कौशल त्रिपाठी, डॉ अनुपम व्यास, डॉ विनोद पांडे, डॉक्टर दीपेश व्यास, अनुज पटेल उपस्थित रहे।