– सीएम योगी के आदेश पर बुंदेलखंड के किलों पर विशेष फोकस

– पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए सेप्ट यूनिवर्सिटी से हुआ एमओयू

झांसी/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लिए 10 महत्वपूर्ण सेक्टर पर फोकस किया है। इसमें पर्यटन उद्योग पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि हमारी संस्कृति, सभ्यता और पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिले। इसके तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बुंदेलखंड के पर्यटन स्थलों को विकसित करने की कार्य योजना तैयार की जा रही है। ऐसे में बुंदेलखंड के विकास के लिए यहां के प्राचीन किलों और दुर्गों का जीर्णोद्धार कर उन्हे पर्यटन के रूप में विकसित करने पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए अहमदाबाद की सेंट्रल फॉर इनवारमेंट प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी (सेप्ट) यूनिवर्सिटी से पर्यटन विभाग ने एमओयू साइन कर लिया है। सेप्ट यूनिवर्सिटी बुंदेलखंड के 31 किलों को पर्यटन से जोड़ने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर काम करेगी। यूनिवर्सिटी अपनी अध्ययन रिपोर्ट पर्यटन विभाग को 90 दिनों में सौंपेगी।

बुंदेलखंड के विकास, रोजगार के अवसरों पर रिसर्च शुरू
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं सस्कृति विभाग, मुकेश मेश्राम ने बताया कि बुंदेलखंड के सात जिलों में सार्वजनिक और निजी मिलाकर 31 किले हैं। जिन्हे विकसित कर पर्यटन से जोड़ने के लिए सेप्ट यूनिवर्सिटी ने काम शुरू कर दिया है। यूनिवर्सिटी ने इन किलों को विकसित करने के साथ, रोजगार के अवसर, बुंदेलखंड के विकास, उनके संरक्षण आदि बिंदुओं पर अध्ययन शुरू कर दिया है। यूनिवर्सिटी 90 दिनों में अपनी रिपोर्ट पर्यटन विभाग को सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्य योजना तय की जाएगी।

प्रमुख सचिव ने बताया कि यूनिवर्सिटी किलों के साथ यहां की प्राकृतिक भूगोलिक स्थिति, विरासत, महलों और पारिस्थितिक तंत्र पर भी अध्ययन करेगी, जिसमें जल के स्त्रोत और पहाड़ियां भी शामिल हैं।

इन बिंदुओं पर किया जा रहा फोकस

– किलों को जोड़ने वाले एवं पर्यटकों को लुभाने वाले संपर्क मार्गों का अध्ययन
– हवाई अड्डे और किले तक पहुंचने की बाधाओं की पहचान
– बुनियादी सुविधाओं जैसे पानी, बिजली, दूरसंचार, शिक्षा और स्वास्थ्य का अध्ययन
– क्षेत्र में मौजूदा पर्यटन बुनियादी ढांचे का आकलन और अंतराल और क्षेत्रों की पहचान करना
– बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए वैचारिक परिप्रेक्ष्य पर्यटन मास्टर प्लान की तैयारी
– दूरदर्शी पर्यटन विकास योजना को अंतिम रूप देना
– सुलभता की स्थिति का विश्लेषण करना
– पर्यटन क्षेत्र में संभावनाओं के आधार पर हस्तक्षेपों की पहचान और प्राथमिकताएं
– नए पर्यटन उत्पादों और सेवाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ पर्यटन सेवाओं और सुविधाओं की योजना तैयार करना
– पर्यटन दृष्टि योजना में किलों और किला परिसरों के अनुकूल पुन: उपयोग में सुधार के लिए महत्वपूर्ण बाधाओं की पहचान करना
– बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से सड़क की कनेक्टिविटी और क्षेत्र के समग्र विकास के उद्देश्य से पर्यटन विरासत में कनेक्टिविटी में सुधार, पर्यटन उत्पादों और सेवाओं पर ध्यान
– पर्यटकों की आमद में वृद्धि (घरेलू और विदेशी पर्यटक आगमन) और हितधारक परामर्श रिपोर्ट
– घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन परियोजनाएं
– बुंदेलखंड क्षेत्र में पर्यावरण पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन और साहसिक पर्यटन उत्पादों को बढ़ावा देना
– कनेक्टिविटी सुधार, पर्यटन विकास, पीपीपी मॉडल पर परियोजनाओं के लिए संभावनाओं की पहचान

कहां कितने किले- एक नजर में
बुंदेलखंड के सात जिलों में कुल 31 किले हैं, जिसमें 26 सार्वजनिक और 5 निजी किले शामिल हैं। बांदा में 4, महोबा में 5, ललितपुर में 7, चित्रकूट में 2, झांसी में 8 किले सार्वजनिक हैं, वहीं हमीरपुर में 3 और जालौन में 2 किले निजी हैं।