झांसी । धोखाधड़ी, छेड़छाड़, गाली गलोज कर जान से मारने की धमकी के आरोपी को जेल से रिहाई नहीं मिल सकी उसका जमानत प्रार्थनापत्र प्रभारी सत्र न्यायाधीश शक्तिपुत्र तोमर द्वारा निरस्त कर दिया गया।
जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव ने बताया कि सिविल लाइंस निवासी आतिमा महरोत्रा ने ०१ अप्रैल २०२२ को थाना सदर बाजार में तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी शादी नीरज महरोत्रा के साथ ०८ मई १९९७ को हुयी थी। शादी के बाद से ही पति नीरज महरोत्रा उसके साथ क्रूरता जैसा व्यवहार कर प्रताड़ित करता था। उसके ससुर की मृत्यु २००१ में हो गयी थी, उनके पुत्र नीरज महरोत्रा, पुत्री अनुराधा महरोत्रा व पत्नी श्रीमती प्रमिला महरोत्रा का आपसी समझौता के आधार पर न्यायालय से सम्पत्ति का बंटवारा हो चुका है, जिसमें उसको मकान नम्बर ३५९ बंगला नन्दिनी टॉकीज के बगल में सिविल लाईन झाँसी व २० दुकानें सुन्दर मार्केट व दुकान नम्बर ५१४ सदर बाजार में बतौर कैन्टोमेन्ट बोर्ट की किरायेदार की हैसियत से काबिज है, जो कि कैन्टोमेन्ट बोर्ड से लीज है। नीरज महरोत्रा व सास श्रीमती प्रमिला अपने हिस्से का सम्पूर्ण हिस्सा बेच चुके है। उसके द्वारा नीरज महरोत्रा के विरूद्ध धारा ४९८९
३२३, ५०४, ५०६ मा०दं०सं० व डी०पी० एक्ट व मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। उक्त दुकान में ०१ जनवरी २०१६ से दीपक अग्रवाल उसके साथ पार्टनरशिप में काम कर रहा है। जब उसको अपने बच्चे के काम के लिये उक्त दुकान की आवश्यकता हुयी तो दीपक अग्रवाल से दुकान खाली करने को कहा।

ओमप्रकाश अग्रवाल ने नीरज महरोत्रा का उक्त दुकान से सांठ गांठ करके कूटरचित मुख्तारनामा तैयार कराकर उक्त दुकान पर कब्जा करने के उद्देश्य से फर्जी मुख्तारनामा नीरज महरोत्रा से तैयार कर लिया जबकि नीरज महरोत्रा उक्त मुख्तारनामा करने का कोई विधिक अधिकार उनको प्राप्त नहीं है। जब प्रार्थिया को पता चला तो प्रार्थिया दिनांक २४ सितम्बर २०२१ को उक्त दुकान पर गयी तो ओमप्रकाश, दीपक अग्रवाल, रजत अग्रवाल व प्रयाग नारायण व ३-४ अज्ञात गाली गलौज
करने लगे तथा ओमप्रकाश व दीपक ने प्रार्थिया को गलत नियत से हाथ पकड़कर अन्दर की ओर खींचा और धमकी देने लगे कि आज के बाद कभी यहां पर आयी तो तुम्हे व तुम्हारे बच्चों को जान से मरवा कर फिकवा देगें।

तहरीर के आधार पर धारा १४७, ४२०, ४६७, ४६८, ४७१,३५४, ५०४, ५०६ भा०द०सं०के तहत थाना सदर बाजार में मुकदमा पंजीकृत किया गया। उक्त मामले में जिला कारागार में बंद अभियुक्त दीपक अग्रवाल पुत्र स्व० राम स्वरूप अग्रवाल की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया ।