दयाधार पर न नौकरी मिली और न ही मिल रहा न्याय 
झांसी। झांसी जिला मुख्यालय पर सदर बाजार में संचालित कोचिंग सेंटर द्वारा जारी कथित फर्जी मार्कशीट ने ऐसे बेरोजगार का सुनहरा भविष्य अंधकारमय कर दिया जिसे रेलवे में दयाधार पर नौकरी मिलना थी। पीड़ित को न नौकरी मिली और न ही न्याय।

दरअसल, गौरव यादव निवासी चांद दरवाजा नई बस्ती थाना कोतवाली को रेलवे में दयाधार पर नौकरी मिलना थी। इसके लिए उसने सभी खानापूर्ति करते हुए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान द्वारा जारी हाईस्कूल की अंकतालिका भी जमा की गई थी। रेलवे द्वारा जब संबंधित दस्तावेज की जांच पड़ताल कराई गई तो हाई स्कूल की अंक तालिका फर्जी निकली। इस पर रेल प्रशासन के कार्मिक विभाग द्वारा उसे दयाधार पर नौकरी के लिए अयोग्य घोषित कर दिया।

इसके बाद प्रभावित अभ्यर्थी गौरव यादव द्वारा उक्त अंक तालिका जारी कराने वाले कोचिंग सेंटर पर सम्पर्क कर जब अंक तालिका के फर्जी होने के बारे में बताया तो विवाद हो गया। मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया। फर्जी मार्कशीट प्रकरण में चार दिन गुजरने के बाद भी अब तक पुलिस केवल जांच ही कर रही है। जबकि भारत सरकार के रेलवे विभाग ने स्पष्ट रूप से मार्कशीट को फर्जी करार दिया है। इधर चार दिन गुजरने के बाद भी पुलिस अभी मार्कशीट को फर्जी साबित करने के साक्ष्य एकत्रित करने की बात कहते हुए जांच चल रही बता रही है।

सूत्रों के अनुसार फर्जी मार्कशीट गिरोह पुलिस के ढीले रवैया के चलते अपने कार्यालय के सारे दस्तावेज और समान रातों रात खाली कर ले गए है। आरोप है कि खुद को बचाने के लिए साक्ष्यों को समाप्त करने में गैंग लगा हुआ है। इधर पुलिस अपनी केवल जांच पड़ताल ही कर रही है। पुलिस पीड़ित को प्रतिदिन थाना बुलाकर इस गिरोह के सामने बैठा कर पूछताछ करती है और फिर अगले दिन आने को बोल देती है। जबकि पीड़ित पक्ष ने इस सेंटर द्वारा दी गई रसीद फर्जी मार्कशीट ऑडियो क्लिप सहित इस गिरोह तक पहुंचाने वाले व्यक्ति का बयान भी पुलिस को दे दिया है। पुलिस इस मामले में दोनो पक्ष का समझोता कराने का प्रयास कर रही है।