बुंदेलखंड के कायाकल्प को सीएम दिखाएंगे ‘ग्रीन सिग्नल

करोड़ों रुपए की लागत से इंफ्रास्ट्रक्चर में किया जाएगा सुधार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड पर्यटन का नया केंद्र बनने जा रहा है। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नित नए कार्यक्रम ला रही योगी सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र के प्राचीन किलों व दुर्गों का जीर्णोद्धार करके उन्हें पर्यटन के रुप में विकसित करने का फैसला किया है। इसके इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाने की योजना है, जिसकी स्वीकृति भी शासन से मिल गई है। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से भी जल्द ही हरी झंडी मिल सकती है।

किलों में विकसित होंगे होटल
बुंदेलखंड के किले यहां की सबसे बड़ी विरासत हैं। ये किले यहां की पौराणिकता को प्रदर्शित करते हैं। प्रदेश सरकार ने इन किलों के जीर्णोद्धार का फैसला किया है। किलों को सजाने और संवारने का काम जल्द शुरु किया जाएगा। कुल मिलाकर 31 किलों को करोड़ों रुपए की लागत से सजाया और संवारा जाएगा। इन किलों में झांसी के 8, ललितपुर के 7, महोबा के 5, बांदा और हमीरपुर के 7 और चित्रकूट के 4 किले शामिल हैं। विशाल परिसर वाले कई किलों को उनकी भव्यता के साथ बेहतरीन होटल के रूप में विकसित किया जाएगा। सैलानियों को लुभाने के लिए बुंदेलखंड के झांसी फोर्ट को और बेहतर किया जाएगा। फोर्ट में कैम्पिंग-ट्रेकिंग रॉक क्लाइम्बिंग और फसाड लाइटिंग का कार्य कराया जाएगा। किले पर नाइट गकेजिंग तथा नेचर ट्रेल की गतिविधियों को शुरू किया जाएगा। फोर्ट के आस-पास पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए स्थानीय लोगों को रोजगार का भी अवसर मिलेगा।

सहेजी जाएगी झांसी की एतिहासिक धरोहर
दरअसल झांसी में पर्यटकों के आगमन को और भी ऐतिहासिक बनने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं समीप में स्थित बरुआ सागर किला तक जाने के लिए सुगम साधन की जरूरत है। 12 एकड़ परिसर वाला टहरौली किला और 4 एकड़ परिसर वाली दिगारा की गढ़ी, चिरगांव का किला, लोहागढ़ का किला, चम्पत राय का महल, रघुनाथ राव का महल की स्थिति जीर्ण-शीर्ण होगा। बरूआ सागर किले, टहरौली के किले, दिगारा की गढ़ी, चम्पत राय के किले, महल महिपाल निवास, सरीला और रघुनाथ राव के महल को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित कर फ़साड लाइटिंग की जाएगी।
मड़ावरा के किले और सौराई के किले पर पर्यटन की दृष्टि से पहुंच मार्ग, साइनेज तथा पेयजल व्यवस्था को बेहतर किया जाएगा। देवगढ़ (दुर्ग) परकोटे के नीचे बेतवा नदी में वॉटर स्पोर्ट की संभावनाएं हैं, इसी प्रकार महावीर स्वामी अभ्यारण्य तथा बानपूर्वक किले को इको-टूरिज्म को विकसित किया जाएगा। चरखारी स्थित मंगलगढ़ किले को निजी क्षेत्र की सहभागिता से हेरिटेज होटल, एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिहाज से विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार, मस्तानी महल, बेलाताल पर कैफेटेरिया की सुविधा मिलेगी।