बीयू हिंदी विभाग जला रहा शिक्षा की अलख, मूसलाधार बारिश में भी कक्षाएं फुल

झांसी। हिंदी हमारी मातृभाषा होने के साथ राजभाषा भी है. इसे पढ़ना,समझना और बोलना हम सबकी जिम्मेदारी है. इसके साथ ही हिंदी का प्रचार प्रसार करना भी हमारा कर्तव्य है. इसमें सबसे बड़ा योगदान युवाओं का होना चाहिए. लेकिन, पिछले कुछ समय से युवाओं की हिंदी के प्रति रुचि घटती जा रही थी. परंतु अब यह दृश्य बदलता दिख रहा है. बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में इस वर्ष रिकॉर्ड एडमिशन हुए हैं. कक्षाओं में विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या भी इस बात की गवाही दे रही हैं. झांसी में हो रही मूसलाधार बारिश भी हिंदी विभाग में छात्र छात्राओं की संख्या कम नहीं कर पा रही है. 10 बजते ही विद्यार्थी क्लास में पहुंच जाते हैं. शिक्षक भी समय से पहुंच जाते हैं.

कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो मुन्ना तिवारी ने बताया कि हिंदी विभाग की स्थापना के साथ ही बुंदेलखंड के युवाओं के बीच हिंदी के प्रचार प्रसार का काम शुरू कर दिया गया था. शुरूआत में विभाग में 60 सीटें थीं. फिर इसे बढ़ाकर 120 सीटें की गईं. इस वर्ष यह 120 सीटें भी एडमिशन खुलने के साथ ही भर गईं थीं. उसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन से 60 सीटें अतिरिक्त मांगी गईं. वर्तमान में 180 में से 160 सीटें भर चुकी हैं. 200 विद्यार्थी अभी भी प्रतीक्षारत हैं. प्रो तिवारी के अनुसार इस बढ़ती संख्या का कारण कैम्पस प्लेसमेंट है. विद्यार्थियों को पढ़ाई पूरी करने के साथ ही नौकरी भी मिलती जा रही है. पिछले कुछ वर्षों में कई विद्यार्थी बैंक, रेलवे, सेना जैसी महत्वपूर्ण संस्थानों में नौकरी पा चुके हैं.

विद्यार्थियों की नियुक्ति सहायक आचार्य के पदों पर भी हुई है. उन्होंने बताया कि सिलेबस की पढ़ाई के अलावा यहां विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क कोचिंग भी चलाई जाती है. यूजीसी नेट की परीक्षा और हिंदी भाषा में सिविल सेवाओं की तैयारी भी विद्यार्थियों को करवाई जाती है. पढ़ाई के साथ मुफ्त कोचिंग मिलने की वजह से भी विद्यार्थी यहां बड़ी संख्या में प्रवेश ले रहे हैं. प्रो. तिवारी ने उम्मीद जताई की यह संख्या लगातार बढ़ती रहेगी और युवा हिंदी को एक नई पहचान दिलाएंगे.