सीमा विवाद में उलझी रही बबीना व प्रेमनगर पुलिस

झांसी। जनपद में ललितपुर राजमार्ग पर डगरवाहा में शनिवार सुबह रक्त रंजित अवस्था में एक युवक का शव व दो लोगों के घायल मिलने से सनसनी फ़ैल गई। तीनों के हाथ-पैर बांधे और मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। घायलों में एक को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है, जबकि दूसरे को ग्वालियर रेफर कर दिया गया।सूचना मिलते ही मौके पर प्रेमनगर थाना और बबीना थाना सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और सीमा विवाद में उलझ गया। उधर घटना स्थल पर पुलिस अधिकारी सहित फोरेंसिक टीम भी पहुंची और  मौके से साक्ष्य एकत्रित कर लिए। फिलहाल हत्या का कारण और कैसे हुई इसकी जानकारी पुलिस जुटा रही है। घटना के पीछे जमीन विवाद सामने आया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

दो सप्ताह पूर्व खरीदी जमीन का सौदा रद्द हुआ
दरअसल, बबीना के सफा गांव निवासी मनोज अहिरवार (40) पुत्र बाबू लाल अहिरवार और हंसारी निवासी विनोद मिलकर मथुरापुरा रोड पर एक अपेक्स फैक्ट्री का निर्माण करवा रहे थे। करीब दो सप्ताह पहले दोनों ने फैक्ट्री के पास 30 लाख में एक एकड़ जमीन खरीदी थी। शुक्रवार को तहसील में रजिस्ट्री के लिए पहुंचे तो मालिक ने जमीन बेचने से मना कर दिया। शनिवार को उसे बयाना की धनराशि वापस करना थी।

जमीन का सौदा कैंसिल होने के बाद शुक्रवार रात को निर्माणाधीन फैक्ट्री में पार्टी थी। विनोद के फोन करने पर मनोज घर से बाइक पर निकला और रास्ते से दुर्गापुर निवासी साहब रजक (32) पुत्र प्रकाश रजक को बाइक पर बैठा कर फैक्ट्री पहुंचा। इस पार्टी में 7 लोग शामिल थे। बताया गया कि रात को विनोद और 3 अन्य लोग सायं 7.30 बजे पार्टी से चले गए। संभावना है कि इसके बाद अज्ञात हमलावरों ने मनोज अहिरवार, साहब रजक और महेश पर हमला कर दिया। सुबह परिजन पहुंचे तो तीनों के हाथ पैर बंधे थे और मुंह में कपड़ा ठुसा हुआ था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी।

साहब की दादी ने देखा तब घटना प्रकाश में आई

बताया गया है कि साहब रजक, इसकी पत्नी संगीता, दो पुत्र और दादी सुंदर बाई फैक्ट्री के सामने रहते हैं। दादी सुंदर बाई ने पुलिस को बताया शुक्रवार शाम को मनोज बाइक लेकर आया और पोते साहब को अपने साथ ले गया। इसके बाद साहब लौट कर नहीं आया। रात करीब 10 बजे फोन लगाया तो नंबर बंद था। इसके बाद रात की दो बजे विनोद को फोन लगाया तो वह बोला कि मैं घर पर आ गया हूँ। साहब की फैक्ट्री में छोड़ आया था। इस पर दादी को लगा कि बारिश हो रही है इसलिए साहब फैक्ट्री में सो गया है।

दादी जब सुबह करीब 7 बजे फैक्ट्री में पहुंची तो झोपड़ी में रखी चारपाई पर पोता पड़ा था औ कपड़े से उसके हाथ-पैर बंधे व मुंह में कपड़ा ठुंसा हुआ था। इसके बाद दहशत में आई दादी किसी प्रकार भागते  हुए जैसे जैसे घर पहुंची। इसके बाद परिजनों को लेकर मौके पर आई। तब पोते और महेश की सांसे चल रही थी, किंतु मनोज की मौत हो चुकी थी।

पुलिस ने शव को कब्जे में लिया गया। घटनास्थल की स्थिति देखकर संभावना है कि हमलावरों ने मनोज आदि पर उस समय हथोड़े से हमला किया गया जब वह पार्टी कर रहे थे। पुलिस इस बात की जानकारी कर रही जब यह तीनो आपस में पार्टी कर रहे थे फिर वह लोग कौन थे जिन्होंने घटना को अंजाम दिया और क्यों दिया।