झांसी। योगी सरकार की मदरसों को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयासों का असर दिखाई देने लगा है। उत्तर प्रदेश सरकार के क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय ने झांसी जनपद में पहली बार मदरसे में रोजगार मेले का आयोजन किया। दतिया गेट बाहर स्थित मदरसा इस्लामिया मिनी आईटीआई में आयोजित रोजगार मेले में शहर के अलग-अलग हिस्सों से आये और स्थानीय अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। इस रोजगार मेले के साथ ही एक काउंसलिंग का भी आयोजन हुआ, जिसमें अभ्यर्थियों को रोजगार की संभावनाओं और रोजगार मेले में हिस्सेदारी व सफलता के गुर सिखाये गए।

300 से अधिक अभ्यर्थियों ने लिया हिस्सा

रोजगार मेले में 300 से अधिक अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया जबकि 116 अभ्यर्थियों को कंपनियों की ओर से ऑफर लेटर दिए गए।  जॉब फेयर में हाईस्कूल से लेकर पीजी तक के विद्यार्थी शामिल हुए। मदरसे से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के समकक्ष शिक्षा प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी भी रोजगार मेले में शामिल हुए। इनके अलावा आईटीआई, टेक्निकल, नॉन टेक्निकल सभी तरह के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार आयोजित हुए। जॉब फेयर में श्री निवास एजुकेशन फाउंडेशन प्राइवेट लिमिटेड पुणे, पुखराज हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ, नेत्तुर टेक्निकल ट्रेनिंग फाउंडेशन, कृष्णा सिक्युरिटी सर्विस झांसी, स्किल्ड इण्डिया सोसाइटी झांसी, एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस झांसी और भारतीय जीवन बीमा निगम झांसी ने हिस्सा लिया।

अल्पसंख्यकों को मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद

सेवायोजन अधिकारी वसीम मोहम्मद ने बताया कि क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय झांसी द्वारा अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र में शासन के निर्देश के अनुसार रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इसमें सात कंपनियों ने प्रतिभाग किया। इस रोजगार मेले में अल्पसंख्यक वर्ग के लगभग 70 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। हमारा प्रयास था कि ज्यादा से ज्यादा मदरसे और आसपास के बच्चों को शासन की प्राथमिकता के अनुसार रोजगार मिल सके। शासन की मंशा के मुताबिक अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।