अपर आयुक्त ने जांच कर कार्रवाई का दिया आश्वासन 

 

झांसी। राजस्व फर्जी आधार पर लाखों की स्टैम्प ड्यूटी लगा कर समाजसेवी संदीप सरावगी के उत्पीड़न के विरोध में विविध संगठनों के कार्यकर्ताओं ने तहसील पर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने अध्यक्ष राजस्व परिषद उ०प्र० को सम्बोधित ज्ञापन अपर मंडलायुक्त प्रशासन को सौंप कर कार्रवाई की मांग की गई। अपर मंडलायुक्त द्वारा समस्या का तीन दिन में निस्तारण कर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही का आश्वासन भी दिया।

गौरतलब है कि समाजसेवा के क्षेत्र में झाँसी जनपद सहित पुरे बुंदेलखंड में डा संदीप सरावगी का नाम पिछले २ वर्षों में जहां उभरा वहीं उन्होंने समाज को समाजसेवा का सही अर्थ समझाया। इनकी समाजसेवा की ख्याति विदेश तक पहुंची। इनके कार्यों को देखते हुए रॉयल अमेरिकन यूनिवर्सिटी ने इन्हे डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया। गरीब परिवार में जन्मे संदीप सरावगी ने जब बचपन में खुद को असहाय पाया तो प्रण लिया कि जब दूसरों की सहायता योग्य हो जाऊँगा तो हर कमजोर के लिए भाई और बेटे के रूप में उपलब्ध रहूँगा। समाजसेवा का ऐसा जुनून कि दिन रात की चिंता न करते हुए हर वर्ग का सहयोग किया। लेकिन बढ़ती ख्याति को देखते हुए कुछ लोगों को समस्या भी हुयी इसके चलते संदीप के खिलाफ कुचक्र रचना शुरू कर दिया।

इसी क्रम में समाजसेवी संदीप सरावगी ने 2०२० में मौजा गढ़िया गांव तहसील व जिला झाँसी में एक कृषिकीय भूमि क्रय की थी जिसका रकबा कुल 00705 हेक्टेयर था जिस पर निवर्तमान मूल्यांकन के आधार पर स्टाम्प शुल्क अदा किया उस समय उक्त क्षेत्र में कोई आवासीय गतिविधियां नहीं थी। उन्होंने यथास्थिति में ५ माह पश्चात भूमि बेच भी दी। विरोधियों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कृषि भूमि पर स्टाम्प ड्यूटी की जगह आवासीय भूमि के स्टाम्प अवैध रूप से आरोपित करा दिए इसके अतिरिक्त ७०५ वर्गमीटर की जगह ७०५० वर्गमीटर के मूल्यांकन के आधार पर १० गुनी स्टाम्प ड्यूटी आरोपित कर दी। जब संबंधित अधिकारियों को इस प्रकरण के सम्बन्ध में अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा ऊपर से दवाब है। कही कोई सुनवाई नहीं हुई संदीप पर 3१,32,०८० रूपये की वसूली आरोपित कर वारंट जारी कर दिए गए कुछ समय बाद कुर्की के आदेश का नोटिस भी भेज दिया गया।

उक्त स्थितियों के बावजूद संदीप पीछे नहीं हटे और उच्च अधिकारीयों को पत्राचार कर अपनी समस्या से अवगत करते रहे। अधिकारीयों को यह बात नागवार गुजरी तो सामाजिक छवि को धूमिल करने हेतु समाचार पत्रों एवं अन्य समाचार संस्थानों में विरोध में समाचार प्रकाशित कराये गए। समाचार पत्रों में यह खबर देखकर जनता में आक्रोश व्याप्त हो गया।  29 अक्टूबर को समाजसेवी संदीप सरावगी के उत्पीड़न के विरोध में व्यापारी संगठन, संत समाज, समाजसेवी, आदिवासी समाज आदि दर्जनों संगठन के कार्यकर्ताओं की भीड़ तहसील परिसर में एकत्रित हुई जहाँ सभी ने एक सुर में संदीप सरावगी का समर्थन करते हुए नारेबाजी कर न्याय की मांग की।

इस दौरान अध्यक्ष राजस्व परिषद उ०प्र० को सम्बोधित ज्ञापन अपर मंडलायुक्त प्रशासन को सौंप कर कार्रवाई की मांग की गई। अपर मंडलायुक्त द्वारा समस्या का तीन दिन में निस्तारण कर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही का आश्वासन भी दिया।