– नगर आयुक्त ने कहा मीडिया ने उनसे बिना चर्चा किए भ्रम पैदा किया गया

झांसी। नगर निगम झांसी द्वारा नगर दिवस के रूप में घोषित की गई 7 फरवरी की भ्रामक तिथि के संबंध में 31 अक्टूबर को 11:30 बजे राष्ट्रभक्त संगठन का प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अरजरिया के नेतृत्व में नगर आयुक्त से मिला और स्थिति साफ करने पर चर्चा की।

इस दौरान नगर आयुक्त ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि शासन से आदेश आए थे कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक दिन नगर दिवस के रुप में मनाया जाना है। सभी से सलाह करके कमेटी गठित कर तिथि भेजी जाए अगर कोई तिथि ना मिले तो जिस दिन नगर पालिका/ परिषद/ नगर निगम का गठन हुआ है वह तिथि भेजी जाए। इस आदेश के अनुपालन में झांसी के प्रमुख विद्वतजनों मुकुन्द मेहरोत्रा, तत्कालीन क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी एसके दुबे आदि की कमेटी ने सर्वसम्मति से 7 फरवरी की तिथि निर्धारित की थी जो शासन को भेजी गई थी।

उन्होंने इतिहास का हवाला देते हुए दावा किया कि किसी नगर की स्थापना की तिथि निर्धारित नहीं की जा सकती क्योंकि सभ्यता के साथ साथ नगर तो बसते रहते हैं। उन्होंने बताया कि मीडिया द्वारा 7 फरवरी तिथि को लेकर भ्रम उत्पन्न कर दिया गया और आपत्तियां की जाने लगी तब यह तिथि कैंसिल कर दी गई और नई पुनर्विचार कमेटी गठित कर दी गई है ताकि तिथि को लेकर कोई भ्रम या विवाद नहीं रहे।

इस दौरान अंचल अरजरिया ने दावा किया कि झांसी का जन्म सन 1603 में हुआ था व किले का निर्माण 1613 में पूरा हुआ था इसके पूर्व में यह बलवंत नगर (प्राचीन नाम) कहलाता था। इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि नई समिति जो तिथि निर्धारित करेगी वही झांसी दिवस के रूप में मनाई जाएगी इसमें सभी अपने सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा उनसे जानकारी किए बिना भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर विवाद को जन्म दिया गया उचित नहीं है।