झांसी। ऐतिहासिक व गौरवशाली इतिहास संजोए नगर झांसी की प्राचीनता मात्र 20 वर्ष दर्शा कर फंसा नगर निगम बैकफुट पर आ गया है। शासन को भेजी गई रिपोर्ट में नगर निगम द्वारा झांसी शहर को मात्र 20 वर्ष पुराना बताने पर इतिहासकारों, विद्वतजनों न नागरिकों ने इस मजाक पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अफसरों की जमकर खिंचाई की और आंदोलन की चेतावनी दे डाली तब नगर निगम को अपनी गलती समझ में आई और अब सही जन्मतिथि खोजने के लिए नई पुनर्विचार कमेटी का गठन कर दिया गया है।

गौरतलब है कि उत्तर शासन द्वारा प्रदेश के नगरों का जन्मदिन मनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में झांसी नगर के बनने की तिथि तलाशी जानी थी। इसके तहत शासन को भेजी गई रिपोर्ट में झांसी की जन्मतिथि सात फरवरी 2002 बता दी गई। इस रिपोर्ट के मुताबिक झांसी नगर महज 20 साल पुराना ही है। इसकी जानकारी उजागर होने पर इतिहासकारों, विद्वतजनों आदि में रोष फैल गया क्योंकि झांसी नगर  वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई और उससे पहले के कई दशकों के स्वर्णिम इतिहास को समेटे हुए है।

इस मामले में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, वरिष्ठ पत्रकार मोहन नेपाली आदि द्वारा आंदोलन की चेतावनी दिए जाने से खलबली मच गई। इससे बैकफुट पर आए नगर निगम ने इस पर भूल सुधार की कवायद शुरू कर दी। अब नगर निगम ने महापौर की अध्यक्षता में नई कमेटी का गठन कर दिया है। यह पुनर्विचार कमेटी जनप्रतिनिधियों, इतिहासविदों व जनसामान्य के लोगों से सुझाव व प्रस्ताव लेकर झांसी की जन्म तिथि खोजेगी।
झांसी की जन्मतिथि खोजने के लिए नई कमेटी का गठन कर दिया गया है। महापौर की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी जन्मतिथि के संबंध में पुनर्विचार करेगी। इसके माध्यम से जनभावनाओं का समादर करते हुए निर्णय लेकर झांसी नगर का “ नगर दिवस ” रूप में उत्सव मनाये जाने की तिथि निर्धारित की जायेगी।