पूर्व मंत्री ने जनता और समाजसेवी संस्थाओं से की आंदोलन करने की मांग 

झांसी। झांसी नगर की आयु बीस वर्ष बताने के बाद नगर के सभी इतिहासकारों, विद्वत जनों, राजनैतिक दलों में विरोध का गुबार उबल रहा है। इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी व इतिहासकारों ने विरोध का मोर्चा खोल दिया है।

रविवार को कांग्रेस पार्टी के पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने बताया की नगर निगम द्वारा जानबूझ कर प्राचीन झांसी के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करते हुए आम जन की भावनाओं के साथ कुठाराघात किया गया। जिस अधिकारियों द्वारा झांसी का छद्म इतिहास बताया गया वह न तो झांसी के है और न उन्हे बुंदेलखंड से कोई लगाव है। उन्होंने कहा की इस सरकार में इतना बड़ा इतिहास बदलने के लिए न तो यहां के किसी जन प्रतिनिधि से वार्ता की ओर न ही किसी इतिहासकार से वार्ता कर सलाह ली गई। चंद अधिकारियों द्वारा इसे झांसी के इतिहास को बीस वर्ष का इतिहास बता कर वीरांगना लक्ष्मी बाई सहित बुंदेलखंड के इतिहास का अपमान किया है। इसके लिए उन अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही होनी चाहिए। झांसी की जनता उन्हे कभी माफ नहीं करेगी।

कांग्रेस पार्टी सोमवार को एक ज्ञापन के माध्यम से झांसी के इतिहास को तोड़मरोड़ करने का विरोध करते हुए तमाम इतिहासकारों के साथ मंथन करेगी। उन्होंने कहा की झांसी नगर की तिथि तय करने के लिए तमाम इतिहासकारों का मंथन होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी की बनाई गई वेब साइट पर भी किले की तिथि अंकित है फिर भला झांसी के इतिहास को बीस साल क्यों बताया जा रह है। उन्होंने झांसी की जनता और विद्वतजनों तथा राजनेताओं से अपील की है की इसका खुल कर विरोध करते हुए झांसी के इतिहास से खिलवाड़ न होने दे। पत्रकार वार्ता में इतिहासकार ओम प्रकाश असर, वरिष्ठ पत्रकार मोहन नेपाली ने झांसी के इतिहास पर साक्ष्य प्रस्तुत कर फर्जी इतिहास बताने वाले अफसरों को कठघरे में खड़ा करते हुए झांसी वासियों से विरोध करने का आह्वान किया।