ग्वालियर से झांसी आई कांसे की 20 फिट ऊंची व 4़ 6 टन के वजनी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने की होड़ लगी 

झांसी। झांसी नगर के चंदेल कालीन ऐतिहासिक लक्ष्मीताल के सौंदर्यीकरण के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम द्वारा बनवायी गयी अश्वारोही तलवार भांजते वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की 20 फुट ऊंची विशाल प्रतिमा के मंगलवार को झांसी पहुंचने पर जनप्रतिनिधियों, गणमान्यों, इतिहासकारों, पत्रकारों के साथ आम जनता ने अवलोकन कर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस दौरान वीरांगना की प्रतिमा के साथ फोटो खिंचवाने वालों की भीड़ उमड़ी रही।

इस अवसर पर आयोजित समारोह में सदर विधायक रवि शर्मा, महापौर रामतीर्थ सिंघल, नगर आयुक्त पुलकित गर्ग, भाजपा के जिलाध्यक्ष जमुना कुशवाहा, क्षेत्रीय पार्षद प्रियंका साहू, विद्या प्रकाश दुबे, गोकुल दुबे, डॉ विवेक वर्मा, व्यापारी नेता तथा गणमान्यों आदि ने विश्व में झांसी को पहचान दिलाने वाली अतुल्य साहस और पराक्रम की प्रतिमूर्ति महारानी लक्ष्मीबाई की 20 फुट ऊंची प्रतिमा का माल्यार्पण क्रेन की मदद से किया।

समारोह को संबोधित करते हुए सदर विधायक रवि शर्मा ने कहा कि लक्ष्मी ताल के बीचोंबीच अदम्य साहस की परिचायक रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा की स्थापना खुशी और गर्व की बात है। पांच साल पहले हमारे जहन में जो बातें थी झांसी के विकास को लेकर, वह अब धरातल पर नजर आने लगी हैं।

मेयर रामतीर्थ सिंघल ने कहा कि आज झांसीवासियों के लिए बड़े गर्व का दिन है। दुनिया भर में झांसी को पहचान दिलाने वाली वीरांगना लक्ष्मीबाई की विशालकाय प्रतिमा यहां लायी गयी है। यह नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा है प्रतिमा को ताल के मध्य एक प्लेटफार्म पर स्थापित किया जायेगा। जब यह स्थापना हो जायेगी तब प्रतिमा का विधिवत अनावरण किया जायेगा। इसके लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया जायेगा।

नगर आयुक्त पुलकित गर्ग ने कहा कि झांसी के लक्ष्मीताल का सौंदर्याीकरण करते हुए इसके बीचोबीच इस स्थान की ऐतिहासिकता और पहचान की प्रतीक महारानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा को लगाया जायेगा । यह संयोजन पर्यटकों के आकर्षण का भी बड़ा केंद्र बनेगा। लक्ष्मीताल के चारों ओर एक नाले का भी निर्माण किया जा रहा है ताकि गंदा सीवर का पानी ताल के अंदर न आ पाये। ताल को पीने के सभी मानव पूरे करने वाले स्वच्छ पानी से भरा जायेगा और बीचोंबीच एक द्वीप बनाकर इस विशालकाय प्रतिमा को वहां लगाया जायेगा। क्षेत्रीय पार्षद प्रियंका साहू अपने कार्यकाल में वीरांगना की प्रतिमा के आगमन से गदगद हैं। उनका कहना है कि यह यादगार पल हैं जो भुलाए नहीं भूलेंगे। यह प्रतिमा झांसी के वाशिदे ही नहीं देश विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी।

गौरतलब है कि लक्ष्मी ताल के बीचोंबीच मूर्ति को 48 वर्ग फुट के प्लेटफार्म पर स्थापित किया जायेगा। कांसे से बने यह युद्ध मुद्रा की अश्वारोही वीरांगना की प्रतिमा 20 फुट ऊंची, 18 फुट लंबी और चार फुट चौडी है। कुर्सी के साथ 4़ 6 टन के वजन वाली इस प्रतिमा की सतह की पॉलिश इस तरह की गयी है कि बदलते मौसम का इस पर प्रभाव न हो।
मैसर्स बीएससी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने इस कांसे की प्रतिमा को बनाने का काम 12 अक्टूबर 2021 में शुरू किया था और 30 नंवबर 2022 को इसे बनाकर तैयार कर लेना था लेकिन प्रतिमा निर्धारित समय से पहले ही न केवल बनकर तैयार कर दी गयी बल्कि झांसी पहुंच भी गई है। शीघ्र ही यथास्थान स्थापित भी कर दी जाएगी।