– बिना विस्फोट के लाइसेंस व पर्यावरण विभाग की एनओसी के संचालित हो रहे क्रेशर, खनिज विभाग मौन

हरपालपुर (मप्र) । जिले में खनन माफिया किस तरह बेख़ौफ होकर खनन कर रहे जो सारे नियमों को दरकिनार उत्खनन करने में राजनगर हादसे के बाद क्रेशर के लिये खदानों से पत्थर निकालने के लिये खदानों में इस तरह से विस्फोटक लगाये जाते हैं कि खदानों रोज होने वाले विस्फोट से आसपास के रहवासियों सहित झाँसी मानिकपुर रेलवे लाईन हिल जाती हैं। रेलवे लाईन पर खदानों के पत्थर आकर गिरते हैं जिस कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता हैं। खजुराहो रेल लाइन हादसे के बाद प्रशासन को इन क्रेशर संचालको की हैवी ब्लास्टिंग पर रोक लगाने कार्यवाही करनी चाहिये नही ऐसा कोई हादसा हो सकता हैं

जिला खनिज विभाग क्रेशर संचालको द्वारा किये जा रहे अवैध उत्खनन पर कोई कार्यवाही नही कर रहा हैं। अवैध क्रेशर संचालक खनिज विभाग की मिलीभगत लगातार नियमों को दरकिनार कर अवैध खनन में लगे हैं।
हरपालपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत वर्षों से ग्राम सरसेड़ में रेल्वे लाईन के 500 मीटर के दायरे में अवैध खण्डा पत्थरों के साथ जय माता दी, जगदीश सोनी, सुधा सोनी क्रेशर संचालित हो रहे हैं जो पूरी तरह नियमो को ताक पर रख हैवी ब्लास्टिंग कर खदान संचालित कर रहे। लीज नियमों का पालन नहीं कर क्रेशर संचालित हो रहे साथ ही उन की निर्धारिक सीमा से अधिक खदानों को खोदा जा चुका हैं क्यों कि खनिज विभाग के अधिकारियों का हार माह फीलगुड इन क्रेशर संचालकों द्वारा किया जाता है।
सरसेड़ में तीन क्रेशरों का संचालन किया जा रहा जय माता दी स्टोन क्रेशर ,जगदीश ग्रेनाइट ,सुधा सोनी संचालकों द्वारा पूरी तरह से प्रदुषण रोकथाम के नियमो का पालन नही किया जा रहा हैं न ही पर्यावरण विभाग की एनओसी इन क्रेशर संचालको के पास है खदानी से पत्थर निकालने के लिये मध्यप्रदेश खजिन नियमो की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं

रेल लाईन पर गिरते पत्थर : खजुराहो रेल लाइन हादसे के बाद भी सरसेड़ में हैबी ब्लास्टिंग नहीं थम रही। क्रेशर खदान में होने वाली हैवी ब्लास्टिंग से 500 मीटर के लगभग स्थित झाँसी मानिकपुर रेल्वे लाईन पर खदानों में होने वाली हैवी ब्लास्टिंग से पत्थर रेल्वे लाईन के आसपास गिरते हैं कभी तो रेल्वे लाईन पार कर जाते हैं। बताया गया है कि खदानों में विस्फोट का कोई समय निर्धारित नही। सुबह 6 बजे से दोपहर तक खदानों में विस्फोट करने का सिलसिला चलता है। उसी समय झाँसी मानिकपुर रेल्वे लाईन पर यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ी का आवागमन होता हैं जिस से दुर्घटना का अंदेशा बना रहता हैं खदानों में विस्फोटक की धमक ऐसी की हरपालपुर 5 किलोमीटर दूर सुनाई देने लोगो के घर हिल जाते हैं।

50 से 70 फ़ीट नीचे लगाते विस्फोट : शासन से निश्चित सीमा तक खनन की अनुमति दी गई इस सबके बाबजूद खदान संचालकों द्वारा 70 से 80 से नीचे विस्फ़ोट कराया जाता हैं। खदानों में विस्फ़ोट करने वालों के पास किसी भी प्रकार का लाइसेंस नही इस सबसे बाद भी बिना रोक टोक विस्फ़ोट खदानों में किया जा रहा हैं। खदानों में विस्फोट क्रेशर संचालकों की मनमर्जी पर दिन हो या रात कभी भी विस्फोट किया जाता हैं। इनमें होने वाले विस्फोट से पूरा क्षेत्र कांप जाता है। इन खदानों में होने वाली हैवी ब्लास्टिंग से पत्थर किसानों के खेतों सहित झाँसी मानिकपुर रेल लाईन पर आकर गिरते जिस कभी कोई बड़ा हादसा होने का अंदेशा बना रहता हैं। लोगों द्वारा कि गई शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नही हो रही लोगों का आरोप ये सब बिना खनिज विभाग मिलीभगत के कैसे संचालित हो सकती हैं।

मजदूर हाथ में लेकर खेलते विस्फोटक से : किस तरह खदानों में अवैध विस्फोटक का व्यापार फलफूल रहा जहां मजदूर खूलेआम विस्फोट के सेल लेकर घूमते हुये देखे जा सकते। अप्रक्षितिक मजदूरों के हाथ में विस्फोटक होने कभी कोई हादसा हो सकता। सूत्रों की मानें तो इन खदानों में बड़ी मात्रा में विस्फोटक का भंडारण किया गया है।

बिना पीट पास के चलते हैं वाहन : क्रेशर संचालकों द्वारा बिना पीट पास के वाहनों का संचालन किया जा रहा जिससे खनिज विभाग को राजस्व की हानि हो रही है। क्रेशर संचालकों के द्वारा थाना पुलिस व खनिज विभाग से कथित मिलीभगत कर बड़ी संख्या में वाहनों का बिना पीट पास के संचालन किया जा रहा क्यों क्रेशर जाने वाली गिट्टी यूपी सप्लाई होती है। एमपी यूपी बॉर्डर का फायदा इन क्रेशर संचालकों द्वारा बिना पीट पास के वाहन यूपी सीमा में प्रवेश करा देते जिस के कारण माइनिंग विभाग को राजस्व की हानि हो रही है। खनिज विभाग को जानकारी होने के बाद भी चलने वाले डंफरों पर कोई कार्यवाही नही की जाती है।