Jhansi. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दीन दयाल सभागार, झांसी से केन्द्रीय राज्यमंत्री (एमएसएमई) भानु प्रताप सिंह वर्मा, सांसद अनुराग शर्मा, सदर विधायक रवि शर्मा, मंडल रेल प्रबंधक झांसी आशुतोष की उपस्थिति में राष्ट्रीय रोजगार मेले को संबोधित किया। इस दौरान विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त कर्मियों को लगभग 71,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए। देश भर से चुने गए नवनियुक्त कर्मियों को भारत सरकार के तहत ट्रेन मैनेजर, स्टेशन मास्टर, वरिष्ठ वाणिज्यिक लिपिक सह टिकट लिपिक, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, कांस्टेबल, स्टेनोग्राफर, कनिष्ठ लेखापाल, डाक सहायक, इनकम टैक्स इंस्पेक्टर, टैक्स सहायक, सीनियर ड्राफ्ट्समैन, जेई / सुपरवाइजर, सहायक प्रोफेसर, शिक्षक, नर्स, पुस्तकालयाध्यक्ष, परिवीक्षा अधिकारी, पीए, एमटीएस और अन्य जैसे पदों पर कार्य करने के लिए शामिल किया जाएगा। इसमें झांसी में राष्ट्रीय रोजगार मेला में 442 नियुक्ति पत्र वितरित किए गए जिसमें ऐसे 8 दिव्यांग अभ्यर्थी थे जिन्हें आंखों से दिखाई नहीं देता है। नियुक्ति पत्र पाकर अभ्यर्थियों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने बैसाखी के शुभ अवसर पर देश को बधाई दी। उन्होंने नियुक्ति पत्र मिलने पर अभ्यर्थियों व उनके परिजनों को शुभकामनाएं दीं। आज नियुक्ति पत्र पाने वालों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जबकि देश 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है, यह देश के विकास में योगदान देने का अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज आप एक सरकारी कर्मचारी के रूप में अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं। इस यात्रा के दौरान, आपको उन बातों को हमेशा याद रखना चाहिए जिन्हें आप एक आम नागरिक के रूप में महसूस किया करते थे।” नवनियुक्त अभ्यर्थियों की सरकार से होने वाली अपेक्षाओं को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे दूसरों की अपेक्षाओं को पूरा करें। उन्होंने कहा, “आप में से प्रत्येक व्यक्ति अपने काम के माध्यम से आदमी के जीवन को किसी न किसी तरीके से प्रभावित करेगा।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि काम पर सकारात्मक प्रभाव पैदा करने और आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए। अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने नवनियुक्त अभ्यर्थियों से अपनी सीखने की प्रक्रिया को नहीं रोकने का आग्रह किया और कहा कि कुछ नया जानने या सीखने की प्रकृति कार्य और व्यक्तित्व दोनों में परिलक्षित होती है। उन्होंने उन्हें ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म आईजीओटी कर्मयोगी से जुड़कर अपने कौशल को उन्नत करने की भी सलाह दी।