– स्थानीय किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती सिखाएगा विश्वविद्यालय, बनेगा आमदनी का जरिया 

झांसी। बुंदेलखंड में किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से खेती किसानी में कई तरह के अभिनव प्रयोग हो रहे हैं। यह बात दीगर है कि वास्तव में कितने किसानों ने इन प्रयोगों को धरातल पर उतारा और उससे उनकी आमदनी में इजाफा हुआ है। इस तरह के आंकड़ों की बात करें तो यह उंगलियों पर गिनने लायक हो सकते हैं क्योंकि बुंदेलखंड में बहुसंख्यक किसान पारम्परिक फसलों पर ही विश्वास कर उसे ही महत्व दे रहे हैं।

फिलहाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए प्रोत्साहित करने और उन्हें प्रशिक्षण देने की योजना बना रहा है। इस योजना के तहत विश्वविद्यालय के कृषि फार्म में कृषि विज्ञान संस्थान के विद्यार्थी ड्रैगन फ्रूट की खेती पर काम शुरू कर रहे हैं। गौरतलब है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती कम पानी में की जा सकती है और बुंदेलखंड में इसके सफल होने की भी अधिक संभावना है। औषधीय गुण होने के कारण ड्रैगन फ्रूट की कीमत भी काफी अधिक होती है। इसलिए इसे किसानों की अधिक आमदनी का जरिया बनाया जा सकता है।

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के विद्यार्थियों ने कृषि फ़ार्म पर शिक्षकों के निर्देशन में 48 पौधे लगाए हैं। अभी यह प्रयोग शुरुआती दौर में है और कुछ समय बाद स्थानीय किसानों को बुलाकर इस खेती के बारे में उन्हें जानकारी और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। ड्रैगन फ्रूट के साथ इंटरक्रॉपिंग भी की जा सकती है, इसलिए इस क्षेत्र के किसानों के लिए इसे अतिरिक्त आय के माध्यम के रूप में बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है।

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संतोष पांडेय बताते हैं कि सरकार औद्यानिकी के माध्यम से किसानों की आमदनी बढ़ाने पर फोकस कर रही है। ऐसे में ड्रैगन फ्रूट को बुंदेलखंड में बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सकता है। हमने प्रायोगिक तौर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती पर काम शुरू किया है और आने वाले दिनों में किसानों को ड्रैगन खेती के तरीके बताने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षण देने की योजना भी बना रहे हैं।