– माता-पिता व सैनिक हैं असली हीरो –  महाराज श्री बागेश्वर धाम

– सिनेमा सहित विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए सम्मानित 
खजुराहो (मप्र)। खजुराहो में आकर्षक आतिशबाजी की झिलमिलाती रंगीनियों वह रंगारंग कार्यक्रमों के बीच आठवें खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का शुभारंभ हो गया।

पाहिल वाटिका प्रांगण में आयोजित समारोह में गढ़ा बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने समारोह का शुभारंभ करते हुए समारोह की प्रशंसा की। उन्होंने प्रेरक संबोधन में कहा कि पर्दे में दिखने वाले हीरो असल हीरो नहीं बल्कि आपके माता-पिता और सैनिक असल हीरो हैं।

इस अवसर पर महाराज श्री ने प्रमुख रूप से महेंद्र सिंह बिट्टा, सुधा चंद्रन एवं पन्ना जिला कलेक्टर को स्मृति चिन्ह देकर आशीर्वाद प्रदान किया । मंच से देवेंद्र शास्त्री एवं मां मंदिर सरस्वती संयुक्त रूप से बॉलीवुड के कलाकारों को सम्मानित किया। चंद्रप्रकाश द्विवेदी को सिनेमा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया मनिंदर सिंह बिट्टा जी को वीर छत्रसाल सम्मान, अभिनेत्री सुधा चंद्रन को नृत्यांगना संध्या वी शांताराम सम्मान, अभिनेता गौरव चोपड़ा को सम्मानित किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रवादी विचारक मनिंदर सिंह बिट्टा ने कहा आज देश में राष्ट्रीय शक्तियों का वोलवाला है, वह सदैव राष्ट्रीय चेतना के लिए कार्य करते रहे और करते रहेंगे। कार्यक्रम के प्रमुख अभिनेता राजा बुंदेला ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए महाराज श्री की उपस्थिति पर खुशी व्यक्त की। मंच पर पंडित सुधीर शर्मा एवं महाराज श्री का शिष्य मंडल उपस्थित रहा ।

कार्यक्रम में शुभारंभ दिवस पर उत्तर प्रदेश के कलाकारों द्वारा आल्हा गायन तथा महाराष्ट्र के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मोहक प्रस्तुतियां प्रदान की गईं। बताया गया है कि महोत्सव में 6 दिसंबर को प्रातः 11 बजे  प्रसिद्ध अभिनेता, निर्देशक, लेखक चंद्रप्रकाश द्विवेदी जी टपरा टॉकीज का शुभारंभ करेंगे । इस अवसर पर मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित गोदान फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा ।

कार्यशाला का हुआ शुभारंभ
खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल पर बुंदेला रिसोर्ट में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए महा मंडलेश्वर उमाकांत सरस्वती एवं साहित्यकार महेंद्र भीष्म ने छात्रों को जीवन में किस तरह से कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य को पाया जाए के बारे में कई महत्वपूर्ण सलाह दी। सरस्वती जी ने बताया साहित्य, कविता वह देवीय गुण हैं जिससे हमें प्रेम होगा ईश्वर वही हमको देगा। उन्होंने फिल्मी माध्यम से साहित्य और कला को अध्यात्म से जोड़ने की चर्चा करते हुए कहा अगर आप विश्वास करोगे तो खुद को सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास हर रोज नई चरित्र आते हैं और उनको हम अपने जीवन में आत्मसात करते हैं। हमें यह जानना होगा कि किस चरित्र को हम आत्मसात करें किसको नहीं।

छात्रों के सवालों पर जवाब देते हुए सरस्वती जी ने यह भी कहा कि हम एक ऐसे देव की अनजाने में ही पूजा करते हैं और उनके मंत्र का जाप करते हैं जिससे हमें जीवन में असफलता प्राप्त होती है वह देवता का नाम है आलस्य देवता जिनका मंत्र है अभी कर लेंगे, कल कर लेंगे, बाद में देखेंगे इस मंत्र का जाप लगभग सभी लोग करते हैं और जीवन में असफलता प्राप्त करते हैं ।

वर्कशॉप में कई महाविद्यालयों से आए छात्रों को फिल्म विद्या और अध्यात्म से जुड़ी हुई जानकारियां प्रदान की गईं। इस मौके पर फिल्म कलाकार, निर्देशक, गीतकार आरिफ शहडोली, कलाकार राकेश साहू, जगदीश्वरी सहित अन्य मौजूद रहे।