बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 के उपलक्ष में विशिष्ट व्याख्यान
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडेय की पहल पर विश्वविद्यालय में आईवीएम 2023 समिति गठन किया गया है। कुलपति ने बताया कि भारत के प्रस्ताव पर 72 देशों के समर्थन के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित कर दिया है. पूरी दुनिया में भारत ही मोटे अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादक है। यही वजह है कि पूरी दुनिया को मिलेट की वैल्यू समझाने की जिम्मेदारी भी भारत पर ही है।
कुलपति की पहल पर नई दिल्ली एम्स की असिस्टेंट डाइटिशियन रेखा पाल शाह का विशिष्ट व्याख्यान ‘न्यूट्री सीरियल्स मिलट्स: इट्स हेल्थ बेनिफिट्स’ फूड एंड टेक्नोलॉजी विभाग में आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में गलुटन आधारित आटे और मैदे से पाचन संबंधी अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही है। पश्चिम आधारित भोज पदार्थों से कोलेस्ट्रॉल कि शरीर में मात्रा बढ़ रही है। मोटे अनाज कि संतुलित उपयोग से कई बीमारियों से निजात पायी जा सकती है। प्रोफेसर एसके कटियार ने कहा कि हमें स्वाद की अपेक्षा स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। आकर्षक एवं पोषक भोजन के अंतर को समझने की आवश्यकता है। डॉ कौशल त्रिपाठी ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि युवाओं में मोटे अनाज के विषय में जागरूकता आवश्यक है। युवाओं को समझना पड़ेगा कि वह बाह्य दृष्टि को आकर्षक बनाने से नहीं बल्कि अंदर से स्वस्थ रहकर अपने जीवन को बेहतर बना सकते है।
आभार आईविएम 2023 समिति की सदस्य डॉ प्रतिभा आर्य ने किया। संचालन छात्र रितिक पटेल ने किया। इस अवसर पर डॉ नूपुर गौतम, नम्रता, प्रज्ञा, मनीष, कासिम, अभिषेक कुमार देवेंद्र सिंह के साथ फूड टेक्नोलॉजी एवं गृह विज्ञान के छात्र उपस्थित रहे। छात्रों में अजय कुमार आदित्य कनौजिया अभय सृष्टि तिवारी आदि ने कार्यक्रम व्यवस्था में सहयोग किया।