झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश (द्रुतगामी न्यायालय-महिलाओं के विरूद्ध अपराध) फरीदा बेगम की अदालत में मां-बेटी की निर्मम हत्या का दोष सिद्ध होने पर दो अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है।

विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि ग्वालटोली निवासी वादी प्रदीप यादव पुत्र मान सिंह यादव ने थाना सीपरी बाजार में तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी सास रानी यादव अपनी माँ श्रीमती चिरोजी बाई के साथ टन्डन कम्पाउण्ड में निवास करती है। बीती रात किसी समय अज्ञात व्यक्तियों ने इनकी हत्या कर दी है। यह सूचना पड़ोसी द्वारा घर पर दिए जाने पर वादी मुकदमा अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचा तब देखा कि दोनों माँ बेटी के रक्त रंजित शव अन्दर के कमरे में पड़े हैं। तहरीर के आधार पर थाना सीपरी बाजार में अज्ञात अभियुक्त के विरूद्व धारा 302 भा०दं०सं के तहत 24 अक्टूबर 2007 को मुकदमा दर्ज किया गया।

विवेचना उपरांत पुलिस द्वारा अभियुक्तगण रघुवीर सिंह, मनोज कुशवाहा, सम्मी सोनी के विरूद्ध धारा-302, 404, 411भाव्द०सं० के अन्तर्गत आरोपपत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय ने माना कि अभियुक्तों द्वारा महिलाओं की क्रूरतापूर्वक हत्या की गई है। ऐसी परिस्थिति में अभियुक्तों के साथ उदारता न्यायसंगत नहीं है। उक्त मामले में अभियुक्त रघुवीर सिंह धारा 302, 404, 411 भादं०सं० तथा अभियुक्त मनोज कुशवाहा धारा 302/34 भादं०सं० के अन्तर्गत दोषी पाए गए। दोषसिद्ध रघुवीर सिंह पुत्र करन सिंह यादव को धारा 302 भा०दं०सं० के अपराध में आजीवन सश्रम कारावास तथा 10 हजार रुपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड न अदा करने पर तीन माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा-404 भा०दं०सं० के अपराध में तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा 5 हजार रुपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड न अदा करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास एवं धारा- 411 भा०दं०सं० के अपराध में तीन वर्ष के सश्रम कारावास 5 हजार रुपय अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड न अदा करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास तथा दोषसिद्ध मनोज कुशवाहा पुत्र गनेश प्रसाद कुशवाहा को धारा – 302/34 भा०द०सं० के अपराध में आजीवन सश्रम कारावास तथा 10 हजार रुपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड न अदा करने पर तीन माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई।