चौपाल लगाकर दिया “शराब नहीं, दूध पियो ” का दिया नारा

ओरछा (मप्र)। 2 फरवरी को मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने धार्मिक नगरी ओरछा में शराब की दुकान के सामने गाय बांध केले और चारा भी खिलाया । उन्होंने नया नारा दिया है- शराब नहीं, दूध पीयो । उमा ने कहा- युवा शराब छोड़कर दूध पिएं। उन्होंने बताया कि 10 फरवरी को केदारेश्वर महादेव में महूरानी के पास पहली गऊ अदालत लगेगी।

इससे पहले उमा ने चौपाल में कहा- लोगों की लत का उपयोग कर पैसे बनाना सरकार का धर्म नहीं है। इसमें मूल दोषी कौन है बात तो यहां आएगी। मैं हूं मूल दोषी, मुझे फांसी पर लटकाओ। मैंने सरकार के लिए वोट मांगे थे। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री इन दिनों निवाड़ी जिले की धार्मिक व पर्यटन नगरी ओरछा में हैं। उमा भारती का कहना है कि धार्मिक नगरी में शराब की दुकान का क्या काम? राजस्व के चक्कर में रामराजा सरकार के दरवाजे पर ही शराब की दुकान खोल ली गई, जबकि दुकान का आवंटन गांव में किया गया था। इसी का विरोध करने के लिए उमा भारती ओरछा पहुंचीं और यहां के विवेकानंद तिराहे पर स्थित शराब की दुकान के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

गुरूवार सुबह उमा भारती ओरछा में शराब की दुकान के पास पहुंची और पांच छह गायों को दुकान के बाहर खूंटे से बांधकर उन्हें चारा खिलाने लगीं। उमा भारती ने साफ कह दिया है कि यह दुकान यहां से हटनी चाहिए। मीडिया द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य के दिए हुए बयान पर उमा भारती ने कहा कि उस बारे में आपको अखिलेश यादव से पूछना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वो तो राम भक्तों पर गोली चलाने वाली पार्टी है उनसे आप क्या आशा करोगे। उमा भारती ने कहा कि हमें आलोचनाओं के लिए तैयार रहना चाहिए और कोई आलोचना करता है तो इससे तुलसीदास जी के ग्रंथों पर कोई फर्क नहीं पड़ता, श्रीराम की छवि पर कोई असर नहीं पड़ता।

ओरछा में गुरुवार को शराब दुकान को लेकर उमा ने कहा, दुकान 2.5 किलोमीटर दूर आवंटित थी। ज्यादा राजस्व वसूली के लिए दुकान को यहां आवंटित कर दिया। शराब दुकान की रोड से 50 फीट की भी दूरी नहीं है। मुझे पता चला है कि यहां सभी ने इसका विरोध किया, उसके बाद सरकार ने नोटिस दिया।

सीएम शिवराज सिंह चौहान को लेकर उमा बोलीं, शिवराज एक बहादुर नेता हैं, उन्होंने 2 अक्टूबर को माना था कि हमारी वर्तमान शराब नीति में कई खामियां हैं। अब नई शराब नीति बाबा रामदेव और उमा दीदी से बातचीत कर लाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को 8 महीने ही बचे हैं, ऐसे में शासक की भूमिका में आएं। सेवक की भूमिका से ब्यूरोक्रेसी और भ्रष्ट नेताओं को बहुत लाभ होता है। शासक की भूमिका से जनता का लाभ होता है। फिलहाल उमा भारती के इस प्रदर्शन के कयी मायने निकाले जा रहे हैं।