शासन ने मानी मांग, गरौठा में एडीजे कोर्ट की स्थापना की हुई स्वीकृति , जिला व सत्र न्यायधीश और सिविल डिविजन कोर्ट के लिए 11=11 पद स्वीकृत 

झांसी। आखिरकार लम्बे समय से गरौठा तहसील में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्तर के न्यायालय की स्थापना की मांग गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत के प्रयासों से पूरी हो गई है। विधायक राजपूत द्वारा सरकार से की जा रही इस मांग को प्रदेश सरकार ने स्वीकार करते हुए एडीजे/मुंसिफ कोर्ट चलाने के लिए उच्च न्यायालय को अपना स्वीकृति पत्र भेज दिया है। शासन ने अपर सत्र न्यायालय को संचालित करने के लिए पदों की स्वीकृति कर उन्हे भरे जाने के लिए उच्च न्यायालय के महानिबंधक को पत्र भेज दिया है।

झांसी सर्किट हाउस में शनिवार को मीडिया से रूबरू हुए गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत ने बताया कि सबसे पिछड़ा इलाका माना जाने वाला बुंदेलखंड विकास की राह पर दौड़ रहा है। जहां पानी, बिजली, सड़कें आदि विकास कार्य योगी सरकार द्वारा किए जा रहे हैं। सिंचाई, शिक्षा, माध्यम विद्यालय, स्मार्ट क्लास, चिकित्सा बिजली उपकेंद्र आदि लगाने का कार्य भाजपा की योगी सरकार ने ही किया है। उन्होंने बताया कि न्याय पाने के लिए गरौठा से सौ किलो मीटर दूर झांसी एक दिन पहले आने वाले फरियादियों को वकील कोर्ट से मिलने आने में समय बरबाद होता था। लेकिन 75 साल बाद गरौठा में गरीब निर्धन, निर्दोषों को गरौठा में ही न्याय दिलाने के लिए एडीजे कोर्ट, अपर कोर्ट सहित दो नई न्यायालय को स्थापित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। उक्त न्यायालय हेतु शासन से संपर्क कर मजिस्ट्रेट तैनात किए जा रहे हैं। योगी सरकार में लगातार पीड़ितों को न्याय के लिए भटकने की आवश्यकता नहीं। अब गरौठा के लोगों को वही न्याय मिलेगा। पद सर्जन होते ही गरौठा में न्यायालय शुरू हो जाएगी। एडीजे कोर्ट और सीनियर डिविजन कोर्ट इसी वर्ष शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा बिल्डिंग तैयार चुकी है। उन्होंने गरौठा जैसी विधान सभा में लगातार पानी, सड़के, बिजली, शिक्षा के साथ न्याय दिलाने के लिए न्यायालय स्थापित कराने पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को धन्यवाद दिया। पत्रकार वार्ता में महापौर रामतीर्थ सिंहल भी मौजूद रहे।