झांसी। अपहरण कर, दुष्कर्म व जान से मारने की धमकी के आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र जिला एवं सत्र न्यायाधीश ज़फ़ीर अहमद की अदालत में निरस्त कर दिया गया।

जानकारी देते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव ने बताया कि वादिनी / पीड़िता द्वारा प्रार्थनापत्र अन्तर्गत धारा- १५६ (३) जा०फौ० के तहत न्यायालय में प्रस्तुत करते हुए बताया था कि
पीड़िता उम्र १९ वर्ष बल्लमपुर थाना प्रेमनगर की निवासी है, उसके पिता कोच फैक्ट्री रेलवे भोपाल में नौकरी करते है, उनके साथ मुकेश धावरे भी नौकरी करता है। वर्ष २०१४-२०१६ में वह अपने पिता के साथ कोच फैक्ट्री कालौनी निशादपुरा भोपाल में रहती थी, इसी कालोनी की एक ही बिल्डिंग में पिता के साथ कार्यरत मुकेश धावरे रहता था, जिसके साथ उसका भतीजा सूरज धावरे रहता था, जो उससे जबरन शादी करने का दवाब बना रहा था, मना करने पर धमकियां देने लगा था, जिसकी उसने थाना छोलामन्दिर भोपाल में धारा-५०६, ५०७ भा.द.स. में विगत १४ जून २०२१ को रिपोर्ट दर्ज करायी थी। सूरज धावरे एक गुण्डा किस्म का है, जिससे भय ग्रस्त होकर वह जून २०२१ में ही झाँसी, अपने चाचा कैलाश गौतम, निवासी ग्राम बल्लमपुर के पास आकर रहने लगी और तभी से वहीं रह रही है।

१६ जनवरी २०२२ को दोपहर ०१ बजे करीब सूरज धावरे का फोन आया कहा कि मुझे जेल चौराहा पर मिलो मुझे बात करनी है, जो फोन पर नहीं कर सकते है और यदि तुम नहीं आयी तो तुम्हारी गंदी फोटो बनवाकर सोशल मीडिया पर डलवा देगें और तुम्हे बर्बाद कर देंगे। उसके चाचा काम पर गये थे, वह भयग्रस्त होकर लगभग ०३ बजे जेल चौराहा पर पहुंची वहां सूरज धावरे , उसका भाई सावन धावरे और दो अन्य लोग और थे, जिन्हें वह नहीं पहचानती और बात करने के बहाने जबरिया कार में बैठा लिया। कार के गेट बंद कर सावन धावरे ने उसका मुंह दबा दिया और सूरज धावरे ने तमंचा लगाकर कहा कि शोर किया तो जान से मार देंगे और उसका अपहरण कर लिया कुछ दूर निकलने के बाद जबरदस्ती गोली खिला दी, जिससे वह कुछ समय बाद बेहोश हो गयी और उक्त सूरज धावरे अपने गांव भादाकुई ले गया दूसरे दिन जब उसे होश आया तो धमकी दी कि शोर नहीं मचाना भागने की कोशिश की तो तुम्हें गोली मार
देंगे। १७ जनवरी २०२२ की रात्रि में उसे जबरदस्ती सूरज धावरे की मां मंजू व चाची सोनी धावरी ने अपने घर के एक कमरे में बंद कर दिया, चहां सूरज धावरे ने उसके साथ दुष्कर्म किया। सूरज धावरे व उसका पिता श्रीलाल धावरे, मां मंजू देवी, ताऊ मुकेश धावरे, चाची सोनी उस पर लगातार दवाब बनाते रहे कि वह सूरज धावरे से शादी कर ले और २० जनवरी २०२२ को उसे जबरन ले जाकर उसकी मर्जी के बगैर ताकत के बल पर कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करा लिए।

उक्त तहरीर पर धारा- ३७६, ३६६, ४२०, ५०६ भा०दं०सं० के तहत थाना नवाबाद में मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें अभियुक्त सूरज धावरे पुत्र श्रीलाल धावरे निवासी ग्राम भादाकुई थाना नसरूल्लागंज जिला सीहोर द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई उपरांत पर्याप्त आधार नहीं पाते हुए न्यायालय द्वारा प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया गया।