झांसी। बुन्देलखण्ड साहित्य संगीत कला संस्थान के तत्वावधान में होली की पूर्व संध्या पर पत्रकार भवन में पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के मुख्य आतिथ्य एवं संस्थान के अध्यक्ष रवीश त्रिपाठी की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन हुआ। विशिष्ठ अतिथि के रूप में अतुल दुबे बन्टी उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत राजकुमार अमरया, अखिलेश पाण्डेय, गंगापाल आदि ने माल्यार्पण कर किया।

सर्वप्रथम अतिथियों ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया। सम्मेलन का शुभारंभ बृजलता मिश्रा ने माँ सरस्वती की वंदना से किया । सम्मेलन में डॉo गौरीशंकर उपाध्याय सरल ने- आज यह होली मिलन ऐसा मनाओ दोस्तो भूलकर गिले शिकवे दिलों से दिल मिलाओ दोस्तो, प्रताप नारायण दुबे ने आये लय चुनाव जा होली खेलो रंग रंगोली, निहाल चन्द्र शिवहरे ने- सभी रंगें सतरंगी रंग में ऐसी चली फुहार, रामबिहारी सोनी तुक्कड़-फागुन आया खिल उठे अमल तस के फूल, कृष्ण मुरारी श्रीवास्तव सखा-मंहगी गुजिया की मिठास, मंहगा बहुत गुलाल, महंगाई की मार से होली है बेहाल, श्रीमती संगीता निगम- फीके फीके तन कैसें मुस्करायें हम न रंग न होली गुलाल कैसे होली मनायें हम, जी पी वर्मा मधुरेश ने होली बस एक बार होना थी, ये बार-बार का रोना कैसा, आदि ने अपनी रंग भरी रचनायें सुनाकर श्रोताओं को रंग विभोर कर दिया। सम्मेलन में सुखराम चतुर्वेदी, वीपी सैनी, अता उल्लाह खान, नाथूराम जतारिया, राकेश सोनी, लक्ष्मीनारायण वर्मा, वीपी सोनी आदि कवियों ने रंगभरी रचनायें प्रस्तुत कीं।

इस अवसर पर सुभाष चौरसिया, चन्द्रप्रकाश जैन, राजकुमार अमरया, महेश उपाध्याय, मोतीलाल वर्मा, महेश पाण्डेय, रजत त्रिपाठी, रामबाबू वर्मा, शालिगराम सविता, अंकुर अग्रवाल आदि उपस्थित रहे। समारोह का संचालन राजेश तिवारी मक्खन ने एवं अखिलेश पाण्डेय ने आभार व्यक्त किया।