10 वर्ष पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला 

झांसी। जिला सत्र न्यायाधीश जफीर अहमद की अदालत में दहेज के लिए पत्नी की हत्या का आरोप सिद्ध होने पर फौजी पति को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई। न्यायालय ने 10 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया।

जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुलकांत श्रीवास्तव के अनुसार हरियाणा के हिसार जिले के सदर थाने के ग्राम ग्राम डामा निवासी बिजेंद्र सिंह ने बबीना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उसने अपनी बहन सरोज की शादी 20 मार्च 2007 को हिसार के थाना सदर के ग्राम मायड निवासी राकेश कुमार से की थी। शादी के बाद से ही राकेश उसकी बहन को दहेज में कार देने की मांग करते हुए प्रताड़ित करने लगा था। इस पर उसके खिलाफ 2008 में हिसार के सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था लेकिन, बाद में समझौता हो गया था। वर्ष 2012 में बहनोई राकेश कुमार जो बबीना कैंट में सिपाही के पद पर तैनात था ने 28 मार्च 2012 की रात उसने बहन की करंट लगाकर हत्या कर दी थी। फौज के अधिकारियों ने बहन की मौत की सूचना दी थी।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद दहेज हत्या का दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त पति राकेश कुमार को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा अन्य धाराओं में भी उसे सजा सुनाई गई।