झांसी। दो महिलाओं के साथ बलात्कार के आरोपी तीन फौजियों के जमानत प्रार्थनापत्र जिला एवं सत्र न्यायाधीश ज़फ़ीर अहमद की अदालत में निरस्त कर दिए गए।
जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़िता द्वारा ०२ अप्रैल २०२३ को थाना जी०आर०पी० पर तहरीर दी गयी थी कि वह व अन्य अपने रिश्तेदार से मिलने रेलवे स्टेशन गयी थी।रिश्तेदार से मिलने के बाद वह महिलाएं पैदल जा रही थी, तो चित्रा चौराहे से पहले इण्डियन ऑयल डिपो के पास एक व्यक्ति ने उन दोनों से बात करने के लिए मोबाइल मांगा तथा बताया कि मेरा मोबाइल कहीं गिर गया है तो उसने अपना मोबाइल उस व्यक्ति को दे दिया और वह महिलाएं उस व्यक्ति के पीछे सड़क से अंदर की तरफ चल दिये। प्लेटफार्म से पहले एक पुरानी पानी की टंकी के पास खड़े ट्रेन के डिब्बे के अन्दर ले गया जहां दो व्यक्ति पहले से मौजूद थे। उस व्यक्ति ने दरवाजा बंद कर दिया व पीड़िता का मोबाइल लेकर दरवाजे के पास बैठ गया। वहां पर पूर्व से मौजूद दोनों व्यक्तियों ने दोनों के साथ अलग-अलग बलात्कार किया तथा दोनों को धमकाया कि हम लोग फौजी हैं, कुछ भी कर सकते हैं। बलात्कार करने के दौरान वे दोनों आपस में अपना अपना नाम संदीप तिवारी व रविन्दर बता रहे थे तथा डिब्बे के दरवाजे पर बैठे व्यक्ति का नाम सुरेश रावत ले रहे थे यह घटना लगभग तीन बजे दोपहर की है।

उक्त तहरीर के आधार पर धारा ३७६ (२) (ग), १२०बी, ५०६ भादंसं०के अन्तर्गत नामजद अभियोग पंजीकृत किया गया। उक्त मामले में अभियुक्त सन्दीप कुमार तिवारी पुत्र धनेश तिवारी निवासी गौधानी सोन्तानी थाना भगवानपुर जिला सीवान (बिहार), सुरेश रावत पुत्र राम सिंह रावत निवासी चीनी गोदाम रोड गुमानीवाना, ऋषिकेश थाना बाई पास जिला देहरादून (उत्तराखण्ड) व रविन्दर कुमार पुत्र कश्मीर सिंह निवासी चुमोही थाना तलबाड़ा जिला होशियारपुर (पंजाब) द्वारा प्रस्तुत किए गए जमानत प्रार्थना-पत्रों पर सुनवाई उपरांत पर्याप्त आधार नहीं पाते हुए न्यायालय द्वारा तीनों आरोपियों के प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिए गए।

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