झांसी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ज़फ़ीर अहमद के न्यायालय में बाइक व पचास हजार रूपये की मांग पूरी नहीं होने पर हत्या के मामले में मृत्यु पूर्व ब्यान के आधार पर दहेज लोभी पति को आजीवन कारावास एवं पचास हजार रुपए अर्थदंड की सज़ा सुनाई गई है।

जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव ने बताया कि रामबिहारी पुत्र कैलाश निवासी मुहल्ला जय प्रकाश नगर कोंच जिला जालौन की बहिन संगीता उर्फ सुनीता का विवाह ०८ जून २००६ को अवधेश पुत्र जयराम निवासी ग्राम कैलिया जिला जालौन के साथ
सम्पन्न हुआ था। अवधेश से संगीता उर्फ सुनीता के दो बच्चे पैदा हुये। शादी के बाद से ही उसकी बहिन के ससुराल वाले अवधेश (पति) साहबसिंह (देवर) जयराम पुत्र हरदयाल (ससुर), रूकमणी उर्फ ढेरी वाली पत्नी जयराम (सास) दहेज में मोटर साईकिल व
पचास हजार रूपये की मांग करते थे, न देने पर मारपीट व प्रताड़ित करते थे व धमकी देते थे कि इसको मिट्टी का तेल डाल कर जला कर मार दो। अवधेश की दूसरी शादी करा देगें। तीन माह पहले अवधेश अपनी पत्नी व बच्चों को लेकर शाहंपुर बस स्टैण्ड मु० राखतान मोंठ में किराये से रहने लगा था, फिर भी आये दिन उसके परिवार वाले अक्सर सब लोग वादी की बहिन को दहेज के लिये ताने व प्रताड़ित एवं मारपीट करते थे।

१२ सितंबर २०१२ को संगीता उर्फ सुनीता को ससुराली जन जयराम व रूकमणी उर्फ ढेरी वाली मोठ आये और उलाहना देते हुये कहा कि इसके घर वालों ने दहेज में मोटर साईकिल व पचास हजार रूपये नहीं दिये, इस को जान से मार दो इस पर सभी लोगों ने रात्रि १०.०० बजे संगीता को जमीन पर पटक दिया। साहब सिंह व जयराम ने उसके हाथ पकड़ लिये व पति अवधेश ने तीनों के कहने पर श्रीमती संगीता उर्फ सुनीता पर मिट्टी का तेल डाल कर आग लगा दी एवं सूचना नहीं दी। सूचना मिलने पर वादी मेडिकल कालेज आया। इलाज घर वालों ने कराया, बहिन के ससुराल वाले मेडिकल कालेज में छोड़कर भाग गये और १६ सितंबर २०१२ लगभग ४ दिन बाद संगीता की मेडिकल में मृत्यु हो गयी। उक्त तहरीर के आधार पर धारा ४९८ए, ३०४बी भा०द०सं० व ३/४ दहेज प्रतिषेध अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
उक्त मामले में वादी-मुकदमा के बयानों से पलटने के बाद मृत्यु पूर्व ब्यान के आधार पर सिद्धदोष अभियुक्त अवधेश को भा०दं०सं० की धारा-३०२ के आरोप के अन्तर्गत आजीवन कारावास एवं पचास हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा न करने पर उसे दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।