झांसी। समलैंगिक और ट्रांसजेंडरों के विवाह को कानूनी मान्यता देने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई को लेकर दिखायी जा रही जल्दबाजी के विरोध में लोकतंत्र सेनानी भी उतर आए हैं। झांसी के लोकतंत्र सैनानियों ने मंगलवार को जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज कर विरोध व्यक्त किया है।

लोकतंत्र सेनानी कल्याण परिषद उत्तर प्रदेश के संरक्षक नरोत्तम स्वामी एड़, उपाध्यक्ष डॉ धन्नू लाल गौतम, राष्ट्रीय सचिव गिरीश चंद्र सक्सेना, जिलाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार साहू, जिला मंत्री राजेंद्र प्रसाद कुशवाहा, कोषाध्यक्ष रामसेवक अड़जरिया और विधिक सलाहकार काशीराम कुशवाहा, विजय रामकेश, गोरखनाथ दुबे आदि ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में मांग की गयी कि समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने से समाज में अनेक विसंगतियां और कानूनी जटिलताएं पैदा हो सकती है। यह भारत की संस्कृति सभ्यता और भारतीय समाज की मूलभूत मान्यताओं के विपरीत है। पश्चिम की सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताओं व अवधारणाओं को आधुनिकता तथा अत्यंत अल्प समूह की इच्छा एवं मांग पर बिना सोचे समझे भारतीय समाज पर आरोपित करना आगामी पीढ़ी के लिए ठीक नहीं होगा। यह एक गंभीर विषय है और इस पर व्यापक विचार विमर्श की आवश्यकता है। इस पर कानून बनाने का काम संसद द्वारा किया जाना ही बेहतर होगा।