जिलाधिकारी के निर्देशों की अवहेलना करने पर हुई कार्रवाई 

झांसी। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा की शासकीय विद्यालयों में “शिक्षार्थ आइए – सेवार्थ जाइए” का अक्षरस: अनुपालन किया जाना सुनिश्चित किया जाए।उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि समस्त शासकीय विद्यालयों में शिक्षा के वातावरण का बेहतर सृजन किया जाए ताकि अधिक से अधिक बच्चे शिक्षा के प्रति आकर्षित हो सकें।

उन्होंने कहा कि अनेकों बार विभिन्न विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान जो शिकायतें अथवा कमियां पाई जाती है उनको समय से दूर किए जाने के निर्देश दिए जाते हैं, उन निर्देशों का संबंधित अक्षरस: अनुपालन करना सुनिश्चित करें। यदि पुनः निरीक्षण के दौरान उक्त कमियां पाई जाती हैं अथवा कमियों को दूर करने में शिथिलता बरती जाती है तो उस संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा 7 सितंबर 22 को हुए निरीक्षण के दौरान विद्यालय भवन का रख-रखाव खराब, विद्यालय भवन में साफ-सफाई का अभाव एवं शौचालय में गंदगी पाये जाने पर विद्यालय भवन की नियमित साफ-सफाई कराये जाने हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिये गये। जिलाधिकारी के उपरोक्त निर्देशानुपालन प्रधानाध्यापक राजकीय हाईस्कूल चकारा को निरीक्षण 7 सितंबर 22 के क्रम में जिलाधिकारी के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु निर्देश प्रदान किये गये थे, जिसके क्रम में प्रधानाध्यापक राजकीय हाईस्कूल चकारा ने प्रेषित अनुपालन आख्या में अवगत कराया गया कि जिलाधिकारी द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में विद्यालय भवन एवं शौचालय की साफ- सफाई करा दी गयी है एवं भविष्य में भी विद्यालय भवन की नियमित साफ-सफाई करायी जायेगी।
9 मई 23 को पुनः जिलाधिकारी रविंद्र कुमार द्वारा राजकीय हाईस्कूल चकारा का निरीक्षण करने पर वही कमियां परिलक्षित हुई, जैसे विद्यालय भवन में मकड़ी के जाले जगह- जगह पाये गये, शौचालय अत्यन्त गन्दा पाया गया। बिजली के तार जगह-जगह झूलते पाये गये। विद्यालय के पुनः निरीक्षण के दौरान भी वही कमियां विद्यमान रहने से यह स्पष्ट परिलक्षित होता है कि प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय संचालन / साफ-सफाई हेतु दिये गये निर्देशों का अनुपालन किये जाने में कोई रूचि नहीं ली गयी है।
प्रधानाध्यापक का यह कृत्य शासकीय सेवक के दायित्वों के सर्वथा विपरीत होने के साथ-साथ घोर लापरवाही एवं अनधीनता का परिचायक है जिसके लिए प्रधानाध्यापक के विरूद्ध आईपीसी की धारा 188 के तहत अभियोग पंजीकृत किए जाने के निर्देश दिए।