झांसी। सामूहिक रूप से गाली गलोज, मारपीट कर जान लेवा हमले व जान से मारने की धमकी के आरोपी नगर निगम के पूर्व उप सभापति का जमानत प्रार्थनापत्र प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुयश प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा निरस्त कर दिया गया।
जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव के अनुसार वादी मुकदमा गौरव त्रिवेदी ०५ मई २०२३ को थाना कोतवाली में तहरीर देते हुए बताया था कि ०४ मई२०२३ की रात्रि १० बजे मेरे पिताजी का फोन आया कि निर्दलीय प्रत्याशी अनिल सोनी फोन पर गाली गलौज व जान से मारने व घर पर बम फेंकने की धमकी दे रहा है। उस समय वह भाजपा प्रत्याशी अरविन्द झा के कार्यालय पर था। तत्काल वहां से निकला तो नरसिंहराव पर रास्ते मे मेरे घर के पास घात लगाये बैठे निर्दलीय प्रत्याशी अनिल सोनी , अखलेश उर्फ छुट्टू सोनी, प्रेमनारायण उर्फ रज्जू सोनी, शानू, राजा श्रीवास, मुकेश श्रीवास, शरद सोनी, दिलीप सोनी आदि ने जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया व बुरी तरह घायल कर दिया। वह बेहोश हो गया। उस पर पानी मारते हुये अनिल सोनी ने एक हवाई फायर किया और ताकत के बल पर हाथ में जबरदस्ती तमंचा पकड़ाने लगे और कहा कि कट्टा नहीं पकड़ा तो यहीं तेरी रामलीला समाप्त कर देगे। तुझे कट्टे के मुकदमें में फंसा कर जेल में सड़वा देगे वरना तू हमें अभी पचास हजार रूपये दे दे और धमकी देकर उसकी जेब में कारतूस डाल दिये और हाथ में कट्टा थमाकर मेरी वीडियो बनाने लगे, इतने में कोतवाली पुलिस पहुंच गयी, पुलिस ने भी वीडियो बनाया, पुलिस मुझे थाना कोतवाली लेकर आयी, घायल अवस्था में मेरा मेडिकल कराया फिर कोतवाली में अनिल सोनी अपने समर्थकों के लेकर आ गया और परिवारजनों को राजीनामा करने के लिये व पुलिस पर झूठा मुकदमा दर्ज कराने का दबाव बनाने लगा। अनिल सोनी व इसके परिवारजन दबंग आपराधिक किस्म के व्यक्ति है। इनका क्षेत्र में आतंक व्याप्त है, आर्थिक व भौतिक लाभ के लिये अनैतिक रूप से अपराध करते रहते है। उक्त तहरीर के आधार पर धारा १४७, १४८, १४९, ३२३, ५०४,५०६, ३०७, ३२७ भा०द०स०के तहत थाना कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया था।

उक्त मामले में जिला कारागार में बंद आरोपी /अभियुक्त अनिल सोनी पुत्र स्व० स्वरूप नारायण सोनी निवासी ९७, झारखड़िया द्वारा प्रस्तुत का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया गया।